महाराष्ट्र सरकार ने भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए 1,356.30 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मंजूर की है. राज्य के राहत और पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव पाटिल ने बताया कि इस निर्णय से 21,66,198 किसानों को सीधा फायदा मिलेगा, जिनकी 15,16,681 हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है. पाटिल ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को समय पर राहत सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक कदम उठाया है. जिला प्रशासन को मृतकों के परिजनों, पशुधन हानि और घरों के नुकसान के मामलों में सहायता वितरण का अधिकार दिया गया है.
उन्होंने बताया कि अधिकार विकेन्द्रीकरण से राहत वितरण में देरी खत्म होगी. जिन जिलों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है, उनमें बीड को 577.78 करोड़ रुपये, धाराशिव को 292.49 करोड़, लातूर को 202.38 करोड़, परभणी को 245.64 करोड़, नांदेड़ को 28.52 करोड़, सतारा को 6.29 करोड़ और कोल्हापुर को 3.18 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. मंत्री ने बताया कि नुकसान के आकलन के आधार पर राशि तय की गई है और कई जिलों में वितरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठवाड़ा के बारिश और बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए घोषित आर्थिक सहायता बेहद कम है और इससे किसानों को अपने नुकसान से उबरने में मदद नहीं मिलेगी.
बारामती में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने कहा, “आपदाएं आती हैं, लेकिन सत्ता में बैठे लोगों की जिम्मेदारी है कि वे पीड़ित किसानों की मदद करें. राज्य सरकार ने जो राहत घोषित की है, वह नुकसान की गंभीरता को देखते हुए अपर्याप्त है. किसानों को लग रहा है कि वे इस मदद से फिर खड़े नहीं हो पाएंगे, इसलिए वे सरकार से नाराज हैं.”
उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहते, पर सभी को मिलकर किसानों की सहायता करनी चाहिए. पवार ने कहा, “सरकार की ओर से पर्याप्त मदद नहीं मिल रही, इसलिए हमारे संगठन ने आज ‘वसुबारस’ का उत्सव नहीं मनाने का निर्णय लिया है.”
गौरतलब है कि सितंबर में हुई भारी बारिश और बाढ़ से मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के कई जिले बुरी तरह प्रभावित हुए थे. पिछले हफ्ते राज्य सरकार ने बारिश और बाढ़ से नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी, जिसमें फसल नुकसान, जीवन व संपत्ति हानि, मृदा क्षरण, अस्पताल खर्च, मकान, दुकान और पशु शेड नुकसान की भरपाई शामिल है. (पीटीआई)