मध्य प्रदेश सरकार ने कृषक कल्याण मिशन को मंजूरी दी है. इसी साल अप्रैल महीने में इस अभियान को हरी झंडी दी गई. किसानों के हित में इसे बड़ा कदम माना जा रहा है. इस अभियान का मकसद खेती-बाड़ी को मुनाफे का सौदा और किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है. इस अभियान के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने बजट में रिकॉर्ड आवंटन किया है और इसकी राशि 32,308 करोड़ रुपये है. दरअसल, कृषक कल्याण मिशन ऐसा अभियान है जिसमें एक छतरी के नीचे कृषि से जुड़े कई विभागों को रखा गया है ताकि उनके काम में तालमले रहे और इसका सीधा और जल्द फायदा किसानों को मिले.
कृषक कल्याण मिशन मध्य प्रदेश सरकार की ओर से शुरू किया गया एक डिजिटल मिशन है जिसमें एक मंच पर कई स्कीमों को लाया गया है. इस मिशन के अंतर्गत कई बड़े काम का ऐलान हुआ है, जैसे फसल बीमा कवरेज में 50 फीसद की वृद्धि, प्रदेश की 100 मंडियों को आधुनिक बनाना और नए सिंचाई प्रोजेक्ट शुरू करना आदि. ये सभी काम किसान और कृषि क्षेत्र को सीधा लाभ पहुंचाएंगे.
चूंकि इस योजना में अलग-अलग स्कीमों को शामिल किया गया है, इसलिए जो किसान उन योजनाओं के हकदार होंगे, पात्र होंगे, उन्हें कृषक कल्याण मिशन का लाभ मिलेगा. मध्य प्रदेश के किसान इस मिशन का लाभ पाने के लिए पात्र होंगे.
कृषक कल्याण मिशन के अंतर्गत कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग, मत्स्य पालन विभाग, पशुपालन और डेयरी विभाग, सहकारिता विभाग और खाद्य एवं वितरण विभाग एक प्लेटफॉर्म पर काम करते हैं. इन विभागों की ओर से जलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ किसान उठा सकते हैं. इन योजनाओं की स्कीमों के लिए किसान डायरेक्ट अप्लाई कर सकते हैं. पात्रता के मुताबिक किसानों को स्कीमों का लाभ दिया जाएगा.
किसान कल्याण मिशन के कई फायदे हैं. एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किसान कई योजनाओं को देख सकेंगे, समझ सकेंगे और लाभ लेने के लिए अप्लाई कर सकेंगे. इसी प्लेटफॉर्म पर किसानों को स्कीम की सब्सिडी के बारे में एकमुश्त जानकारी मिलेगी. ये भी पता चल जाएगा कि किसी स्कीम में फायदा लेने के लिए कैसे अप्लाई करना है, क्या-क्या दस्तावेज चाहिए आदि. पहले ऐसी सुविधाओं के लिए किसानों को अलग-अलग विभागों में अप्लाई करना होता था. अब यह काम एक ही प्लेटफॉर्म के जरिये हो सकेगा.
इस साल अप्रैल महीने में इस मिशन की शुरुआत की गई है. इसके लिए 32,308 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है. आने वाले समय में कृषि के हर क्षेत्र में इसका प्रभाव देखने को मिलेगा. मिशन में फोकस के प्रमुख क्षेत्र हैं कृषि और बागवानी के तहत फसलों की उत्पादकता में वृद्धि, उच्च मूल्य वाली फसलों को बढ़ावा देना, बीज, रोपण सामग्री, उर्वरक, कीटनाशकों जैसे क्वालिटी वाले इनपुट तक पहुंच, कृषि विस्तार और कौशल विकास, कम ब्याज वाले लोन तक आसान पहुंच, फूड प्रोसेसिंग और कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना, वैल्यू चेन विकास और मौजूदा चेन को मजबूत करना, और कृषि चुनौतियों के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ावा देना.
किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए उन्हें सहकारी समितियों के माध्यम से 26,000 गांवों तक दूध कलेक्शन कवरेज का विस्तार करने, दूध कलेक्शन और प्रोसेसिंग क्षमता को 50 लाख लीटर/दिन तक बढ़ाने, स्टॉल फीडिंग और खनिज मिश्रण के उपयोग के माध्यम से आवारा मवेशियों की आबादी को कम करने, पिंजरे की खेती और बायोफ्लोक जैसी तकनीकों के माध्यम से मत्स्य पालन में स्वरोजगार को बढ़ावा देने और मछुआरों/किसान क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से जीरो-ब्याज लोन देने के लिए सहकारी समर्थन मिलेगा.