वर्तमान समय में हर क्षेत्र में तकनीकियों का प्रयोग बहुत अधिक बढ़ गया है जो लोगों की मेहनत और समय की बचत करता है. कृषि क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है. पुराने समय में कृषि करने के लिए गाय- बैल या अन्य पशुओं को भी उपयोग में लिया जाता था इसलिए लोग पशुपालन को बढ़ावा देते थे लेकिन आज कृषि यंत्रों का उपयोग बढ़ने से पशुओं से काम लेना लगभग पूरी तरह बंद हो गया. जिसकी वजह से पशुपालन का महत्व कम हो गया है.
लोग पशुओं को इस्तेमाल के बाद सड़क पर छोड़ देते हैं यह समस्या देश के कई राज्यों में बनी है. आवारा पशु खेत की फसलों को नष्ट कर देते हैं जिससे पैदावार में भी कमी देखने को मिली है. मध्य प्रदेश सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए 132 करोड़ 71 लाख रुपये की राशि इन पशुओं के लिए जारी किया है. इस खबर को आइए विस्तार से जानते हैं.
मध्य प्रदेश सरकार के पशुपालन विभाग ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि प्रदेश में आवारा और भटके हुए गौ वंशों के भूसे- चारे और पशु आहार के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने इस साल 132 करोड़ 71 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की है. यह राशि गो- संवर्धन बोर्ड की ओर से पंजीकृत सभी शासकीय और अशासकीय गौ शालाओं में अनुदान (सब्सिडी) के रूप में दी जाएगी.
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पशुपालन विभाग ने ट्वीट कर बताया कि यह राशि पंजीकृत गौशालाओं को सब्सिडी की तरह दी जाएगी इसके लिए पूरा रोड मैप तैयार कर लिया गया है. गो- संवर्धन बोर्ड के कार्य परिषद अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने बताया कि सभी जिला समितियों को निर्देश दे दिया गया है कि पंजीकृत शासकीय और अशासकीय गौ शालाओं को यह राशि जल्द से जल्द बांटे जाएं
मध्य प्रदेश में 1665 गौ शालाएं पंजीकृत हैं जिसमें करीब 2 लाख 87 हजार गौ वंश हैं, इसके अलावा भटके और निराश्रित पशुओं के रखरखाव के लिए नई गौशालाएं बनाई जाएंगी. स्वामी अखिलेश्वरानंद ने बताया कि इस मामले में सीएम शिवराज की अध्यक्षता में दिसंबर 2022 में निर्णय लिया गया है.
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