मध्य प्रदेश में किसानों को सिंचाई के लिए पानी की कमी से न जूझना पड़े इसके लिए कृषि विभाग बलराम तालाब योजना चला रहा है. इस योजना के तहत किसान अपने खर्च पर तालाब बनवाकर 80 हजार से 1 लाख रुपये तक की सब्सिडी हासिल कर सकते हैं. यह योजना वर्ष 2007 में शूरू की गई थी, पहले इसका नाम बलराम ताल योजना था. बलराम तालाब योजना के तहत राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 में 6144 तालाब बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसपर 5308.34 लाख रुपये सरकार की ओर से सब्सिडी के रूप में दिए जाएंगे. पिछले सत्र 2023-24 में 662 तालाब बनाए गए थे, जिनपर 569.30 लाख रुपये खर्च हुए थे.
कृषि विभाग की इस योजना में सामान्य वर्ग के किसानों को तालाब बनवाने पर लागत राशि का 40 प्रतिशत या अधिकतम 80 हजार रुपये सब्सिडी के रूप में मिलते हैं. योजना में लघु-सीमान्त किसानों को लागत राशि का 50 प्रतिशत और अधिकतम 80 हजार रुपये मिलते हैं. वहीं, अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को लागत राशि की 75 प्रतिशत या अधिकतम एक लाख रुपये की सब्सिडी दी जाती है. सब्सिडी की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से पहुंचती है.
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान के पास अपनी खुद की जमीन होना जरूरी है. इसका लाभ लीज पर ली गई जमीन पर नहीं लिया जा सकता. योजना का उद्येश्य ग्राउंडवाटर लेवल बढ़ाना है, ताकि किसानों को सिंचाई के लिए पानी की कमी से न जूझना पड़े. तालाब में पानी होने से सीधे सिंचाई की सुविधा तो मिलेगी ही, साथ में आस पास के कुओं और नलकूपों का जलस्तर भी बढ़ेगा.
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योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक किसान को क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को आवेदन देना होगा, इसके आधार पर उसका पंजीयन किया जाएगा. इसके बाद जिला कृषि उप संचालक से तालाब की तकनीकी मंजूरी और और जिला पंचायत से प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद तालाब का निर्माण शुरू कराया जा सकता है. योजना में पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर किसानों को सब्सिडी में वरीयता दी जाती है. कार्य की प्रगति और मूल्यांकन के हिसाब से सब्सिडी मिलती है.