झारखंड में लॉकडाउन के वक्त शुरू हुई इस योजना से बदल रही किसानों की किस्मत, बढ़ी कमाई

झारखंड में लॉकडाउन के वक्त शुरू हुई इस योजना से बदल रही किसानों की किस्मत, बढ़ी कमाई

इस योजना का नाम बिरसा हरित ग्राम योजना है जिसमें गांव में खाली पड़ी सरकारी और रैयती जमीन पर आम, अमरूद और नींबू जैसे फलों की खेती की जाती है. इसके अलावा ग्रामीणों को टिंबर प्लांट, लाह की खेती और तसर उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.

बिरसा हरित ग्राम योजना (सांकेतिक तस्वीर)बिरसा हरित ग्राम योजना (सांकेतिक तस्वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 22, 2024,
  • Updated Aug 22, 2024, 6:40 PM IST

झारखंड में किसानों की आय बढ़ाने के लिए और उन्हें रोजगार के अच्छे अवसर दिलाने के लिए राज्य में बिरसा हरित ग्राम योजना शुरू की गई थी. बागवानी आधारित यह योजना झारखंड के किसानों के लिए अब गेमचेंजर साबित हो रही है. इस योजना के तहत गांव में खाली पड़ी सरकारी और रैयती जमीन पर आम, अमरूद और नींबू जैसे फलों की खेती की जाती है. इसके अलावा ग्रामीणों को टिंबर प्लांट, लाह की खेती और तसर उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. इस योजना की शुरुआत राज्य के 4 जिलों के 398 एकड़ जमीन में की गई थी. आज इस योजना का विस्तार हुआ है और 24 जिलों के 1.16 लाख एकड़ में बागवानी हो रही है. 

दरअसल इस योजना की शुरुआत लॉकडाउन के बाद हुई थी, जब बड़ी संख्या में मजदूर वापस अपने घर लौट गए थे. ऐसे समय में उन्हें रोजगार देने के लिए गांवों में बड़े फलदार पौधे लगाए गए थे. इसमें मुख्य रूप से सबसे अधिक आम के पौधे लगाए गए थे. इस योजना के चलते ही झारखंड में आम्रपाली आम का उत्पादन बढ़ गया है. इससे उनकी कमाई भी बढ़ी है. इतना ही नहीं, किसान उन बगानों के अंदर अब सब्जी की खेती भी कर रहे हैं. इससे उन्हें अधिक आय मिल रही है. इस योजना से गांव में खाली पड़ी बंजर जमीनों का भी अच्छे तरीके से इस्तेमाल हो रहा है. 

ये भी पढ़ेंः उड़द समेत इन 3 दालों से किसानों ने मुंह मोड़ा, 1.70 लाख हेक्टेयर रकबे में गिरावट ने बढ़ाई चिंता 

किसानों को हो रहा लाभ

योजना के लाभ ले रहे रांची जिले के बुढ़मू प्रखंड के किसान गोपी उंराव ने बताया कि उनकी जमीन पहले खाली पड़ी रहती थी क्योंकि वहां पर सिंचाई का साधन नहीं था. ऊपरी जमीन होने के कारण खेती करने में परेशानी होती थी. लेकिन बिरसा हरित ग्राम योजना के जरिए उनकी खाली पड़ी जमीन पर आम और नींबू के पौधे लगाए गए थे. इस साल आम में फल आने लगे हैं. आम बेचकर उन्होंने लगभग 50,000 रुपये की कमाई की है. उन्होंने बताया कि इसी तरह और भी कई ऐसे ग्रामीण हैं जिन्होंने अपनी जमीनों पर फलदार पौधे लगाए थे, आज वो उससे अच्छी कमाई कर रहे हैं. कई लोगों ने टिंबर प्लांट भी लगाए हैं. 

ये भी पढ़ेंः कपास पर बोंड इल्ली का प्रकोप हो जाए तो क्या करें किसान, किन दवाओं का करें छिड़काव? 

इस साल का लक्ष्य

राज्य के चार जिलों की 398 एकड़ जमीन में योजना की शुरुआत के साथ फलदार पौधे लगाए थे. आज इस योजना का विस्तार राज्य के 24 जिलों में हो चुका है. इस योजना के तहत अब तक राज्य भर में 1.27 करोड़ फलदार पौधे लगाए जा चुके हैं. जबकि 51 लाख टिंबर प्लांट लगाए गए हैं. योजना के तहत इस साल राज्य में 50 हजार एकड़ में फलदार पौधे और टिंबर प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा गया है. इस जमीन पर 43.36 लाख फलदार पौधे और 31 लाख टिंबर प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा गया है. इससे राज्य के 46.6 हजार किसानों को सीधा लाभ होगा.
 

 

MORE NEWS

Read more!