हिमाचल प्रदेश में स्थानीय दूध उत्पादकों को बल्क मिल्क कूलर (Bulk Milk Cooler) चलाने का काम सौंपा जाएगा और इसके लिए सरकार उन्हें कमीशन भी देगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा में यह जानकारी दी. वहीं, आनी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक लोकेन्द्र कुमार ने मिल्क चिलिंग प्लांट में तकनीकी खराबी के कारण हजारों लीटर दूध बर्बाद होने का मुद्दा विधानसभा में उठाया, जिसपर राज्य के कृषि मंत्री ने जवाब दिया. कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी में तकनीकी खराबी की आशंका थी, लेकिन बाद में पता चला कि कोई तकनीकी खराबी नहीं थी.
उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड की सिंगल लाइन के कारण वोल्टेज नहीं था, जिससे दूध खराब हुआ और उसकी गुणवत्ता कम रही. मंत्री ने बताया कि सहकारी समिति के सचिव ने बिना अनुमति के दूध नाले में फेंक दिया, जिसके लिए उन्हें नोटिस जारी किया गया है. सभी प्लांट प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कूलर और अन्य मशीनों का सही तरीके से रखरखाव करें, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों. आकलन के मुताबिक, इस घटना में 221 उत्पादकों को 77,000 रुपये का नुकसान हुआ है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय दूध उत्पादकों को बल्क मिल्क कूलर चलाने का काम सौंपा जाएगा और उन्हें कमीशन दिया जाएगा. विधायक ने यह भी सुझाव दिया कि नीरमंड के तहत बल्क मिल्क कूलर की क्षमता 5,000 लीटर है, जबकि आनी में 15,000 लीटर की क्षमता वाला प्लांट की जरूरत है, ताकि किसानों को ज्यादा लाभ मिल सके.
वहीं, अधिकारियों ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में कई जगहों पर भारी बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक बाढ़ आने से दुकानें बह गईं, इमारतें ढह गईं, राजमार्गों का संपर्क टूट गया और रिहायशी इलाकों में पानी भर गया. राज्य में सोमवार शाम से अब तक 12 बार अचानक बाढ़, दो बड़े भूस्खलन और एक बार बादल फटने की सूचना मिली है.
अफसरों के मुताबिक, लाहौल और स्पीति ज़िले में नौ, कुल्लू में दो और कांगड़ा में एक अचानक बाढ़ आई, जबकि चंबा ज़िले में एक बादल फटने की सूचना मिली. इनमें से किसी भी घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. हालांकि, कांगड़ा जिले में एक व्यक्ति डूब गया, जबकि किन्नौर में ऊंचाई से गिरने से एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई. (पीटीआई)