मखाना क्रांति: बिहार सरकार की नई योजना से बदलेगी किसान और राज्य की तकदीर

मखाना क्रांति: बिहार सरकार की नई योजना से बदलेगी किसान और राज्य की तकदीर

बिहार के 16 जिलों के किसानों को सब्सिडी, टूल्स किट और बीज पर अनुदान – गांवों की अर्थव्यवस्था को मिलेगा नया बल. उन्नत बीज, महिला भागीदारी और वित्तीय सहयोग से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.

Makhana farmingMakhana farming
क‍िसान तक
  • Patna,
  • Oct 03, 2025,
  • Updated Oct 03, 2025, 7:50 PM IST

मखाना खेती की खासियत और महत्व बिहार के मिथिला क्षेत्र में सदियों पुरानी है, लेकिन पिछले एक दशक से इसे आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक तरीके से उन्नत कर एक मखाना क्रांति की शुरुआत हुई है. पारंपरिक खेती से अब यह वैश्विक सुपर फूड के रूप में उभरा है, जो विदेशों तक निर्यात हो रहा है और बिहार को देश में मखाना उत्पादन का अग्रणी राज्य बना चुका है. इस मखाना क्रांति को और बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए मखाना अवयव योजना लॉन्च की है. इस योजना के तहत मखाना किसानों को क्षेत्र विस्तार, उन्नत बीज उत्पादन और टूल्स किट पर अनुदान मिलेगा. किसान 10 अक्टूबर तक बिहार कृषि ऐप या उद्यान निदेशालय की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

योजना की मुख्य बातें

  • किसानों को 0.25 एकड़ से 5 एकड़ तक लाभ मिलेगा.
  • 36,375 रुपये प्रति हेक्टेयर की स्वीकृत राशि में बीज और हार्वेस्टिंग तक की लागत शामिल.
  • बीज की राशि सीधे आपूर्तिकर्ता को और शेष राशि किसान को पौध रोपण के बाद.
  • उन्नत बीज उत्पादन के लिए संस्थानों के स्तर से स्वर्ण वैदेही और सबौर मखाना-1 का उत्पादन.
  • बीज वितरण योजना के तहत अनुशंसित प्रभेद का मूल्य 225 रुपये/किलो तक अनुदान.
  • टूल्स किट भी सब्सिडी दर पर उपलब्ध.

पहले हुई बड़ी घोषणा

कुछ दिन पहले ही बिहार सरकार ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन (2025-27) के तहत मखाना उत्पादन बढ़ाने के लिए स्वर्ण वैदेही और सबौर मखाना-1 जैसे उन्नत बीज उपलब्ध कराने का ऐलान किया था. इस योजना में किसानों को 75% यानी 72,750 रुपये प्रति हेक्टेयर तक अनुदान दो किस्तों में मिलेगा. खास बात यह कि इसमें 30% महिला किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है.

किसानों और बिहार को क्या फायदा होगा?

  1. किसानों की आय में बढ़ोतरी – नई तकनीक और उन्नत बीज से उत्पादन लागत घटेगी और उपज बढ़ेगी.
  2. महिला सशक्तिकरण – योजना में महिलाओं के लिए 30% आरक्षण से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.
  3. वैश्विक बाजार में बढ़त – बिहार पहले से ही देश का सबसे बड़ा मखाना उत्पादक है. अब उच्च गुणवत्ता वाले बीज और सरकारी सहयोग से मखाना का निर्यात और बढ़ेगा.
  4. स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल – किसानों की आमदनी बढ़ने से गांवों में रोजगार और छोटे व्यवसाय भी पनपेंगे.
  5. सस्टेनेबल खेती को बढ़ावा – बीज और टूल्स किट पर अनुदान से किसानों को आधुनिक और टिकाऊ खेती की दिशा मिलेगी.

किन जिलों को मिलेगा लाभ?

कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, समस्तीपुर, भागलपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और मुजफ्फरपुर – इन 16 जिलों के किसान योजना का लाभ उठा सकेंगे.

मखाना की खेती को लेकर किसानों को कई तरह के किट भी दिए जा रहे हैं. किसानों को पारंपरिक उपकरण जैसे औका/गांज, कारा, खैंची, चटाई, अफरा, थापी आदि उपलब्ध कराए जाएंगे. वहीं, प्रति किट की अनुमानित लागत 22,100 रुपये तय की गई है, जिसमें से 75 प्रतिशत यानी 16,575 रुपये प्रति किट का अनुदान दिया जाएगा.(रोहित कुमार सिंह का इनपुट)

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