
बिहार को मत्स्य एवं डेयरी के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के साथ जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए विकसित करने के उद्देश्य से सोमवार को डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग द्वारा गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से दो ऐतिहासिक कार्यक्रमों का शुभारंभ किया गया. विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. एन विजयलक्ष्मी ने बताया कि गेट्स फाउंडेशन के साथ मिलकर राज्य में एक्वाकल्चर इंप्रूवमेंट प्रोग्राम (BAIP) और बिहार डेयरी ट्रांसपोर्टेशन प्रोजेक्ट की औपचारिक शुरुआत की गई है. वहीं कार्यक्रम में उपस्थित बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग का नाम बदलकर डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग कर दिया गया है.
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से बिहार एक्वाकल्चर इंप्रूवमेंट प्रोग्राम के तहत मत्स्य क्षेत्र को आधुनिक तकनीक, उन्नत प्रजातियों और बेहतर प्रबंधन के माध्यम से सुदृढ़ किया जाएगा. इसके तहत गेट्स फाउंडेशन द्वारा समर्थित और पैलेडियम कंसल्टिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड सहित अन्य साझेदारों के सहयोग से मछली उत्पादन में 25 प्रतिशत की वृद्धि और तालाब उत्पादकता में 20 प्रतिशत सुधार का लक्ष्य रखा गया है. साथ ही कम लागत में मछुआरा परिवारों की आय दोगुनी करने की दिशा में भी काम किया जाएगा.
एक्वाकल्चर इंप्रूवमेंट प्रोग्राम के तहत महिलाओं की भागीदारी लगभग 60 प्रतिशत तक सुनिश्चित की जाएगी. इसके साथ ही महिलाओं के नेतृत्व वाले मत्स्य उद्यमों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसमें उन्नत हैचरियों का आधुनिकीकरण, हजारों तालाबों में गुणवत्तापूर्ण फिंगरलिंग स्टॉकिंग, किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूहों को सशक्त करने का कार्य शामिल है. साथ ही डिजिटल एक्वाकल्चर प्लेटफॉर्म के माध्यम से रियल टाइम तकनीकी सलाह और बाजार की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी.
डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. एन विजयलक्ष्मी ने बताया कि बिहार डेयरी ट्रांसपोर्टेशन प्रोजेक्ट के माध्यम से चारा सुरक्षा, पशु प्रजनन, दूध की गुणवत्ता, मूल्य संवर्धन और उत्पादन विकास पर विशेष जोर दिया जाएगा. इसके साथ ही सौर ऊर्जा आधारित हाइड्रोपोनिक चारा प्रणाली, साइलेज मॉडल, डिजिटल कृत्रिम गर्भाधान उपकरण, पशु स्वास्थ्य, स्वच्छ दूध उत्पादन क्षमता निर्माण और महिला डेयरी किसानों के नेतृत्व विकास पर विशेष पहल की जाएगी.