पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ने अपने भाई बाबुन बनर्जी से सारे संबंधों को तोड़ने का ऐलान कर दिया है. बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने सबसे छोटे भाई बाबुन बनर्जी पर निशाना साधा और कहा कि वह उन्हें भाई मानने से इनकार कर रही हैं. बाबुन को इस बात से आपत्ति है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता उनकी 'दीदी' ने फुटबॉलर से नेता बने प्रसून बनर्जी को हावड़ा से फिर से लोकसभा उम्मीदवार बनाया है. पार्टी के उत्तराधिकारी हालांकि उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी हैं और अब ममता को अपने छोटे भाई से बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.
ममता बनर्जी ने सिलीगुड़ी में एक रैली में सार्वजनिक रूप से अपने सबसे छोटे भाई बाबुन की आलोचना की. ममता ने मंच से ऐलान किया की कि परिवार उन्हें 'अस्वीकार' कर रहा है. इसके तुरंत बाद सजा पाए बाबून ने एक बयान जारी कर कहा कि वह हमेशा 'दीदी' के साथ रहेंगे. हावड़ा लोकसभा सीट के लिए टीएमसी के नवघोषित उम्मीदवार प्रसून बनर्जी के लिए बाबुन का खुला विरोध विवाद की बड़ी वजह है. ममता ने रैली में कहा, 'बाबून अब मेरा भाई नहीं रहा. मैं उसके साथ सभी रिश्ते तोड़ देती हूं. वह भूल गया है कि हमारे पिता के निधन के बाद परिवार ने उसका पालन-पोषण कैसे किया. वह सिर्फ ढाई साल का था और मैं 35 रुपये कमाती थी और उसका पालन-पोषण करती थी.'
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टीएमसी सूत्रों की मानें तो बाबुन को हावड़ा से टिकट मिलने की उम्मीद थी. बाबुन दिल्ली में थे जब उन्होंने बयान दिया कि पूर्व फुटबॉलर और हावड़ा से दो बार के लोकसभा सांसद प्रसून को टिकट मिलने से वह खुश नहीं हैं. बाबून का कहना था कि प्रसून सही विकल्प नहीं हैं. उन्हें टिकट देकर ममता ने कई सक्षम उम्मीदवारों को नजरअंदाज कर दिया है. बाबून की मानें तो अगर जरूरत पड़ी तो वह हावड़ा से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. हालांकि बाबून ने इन बातों से इनकार कर दिया है कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
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बाबून सात बनर्जी भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं. परिवार में पांच भाई और दो बहनें हैं. बाबुन करीब 50 साल के हैं. साल 2011 में ममता पहली बार पश्चिम बंगाल की सीएम बनीं और इससे पहले बाबून को कोई नहीं जानता था. ममता के सीएम बनने से पहले एक अज्ञात चेहरा थे. ममता के कार्यकाल में वह धीरे-धीरे एक परिचित चेहरे के रूप में उभरने लगे. वर्तमान में बाबुन, मोहन बागान फुटबॉल क्लब के उपाध्यक्ष और भारतीय ओलंपिक संघ के पश्चिम बंगाल चैप्टर के अध्यक्ष हैं. हाल ही में जब से उन्होंने कोलकाता की जगह हावड़ा से अपना मतदाता पहचान पत्र बनवाया है. तभी से उनके हावड़ा जिले से चुनाव लड़ने की चर्चा है.