विकसित कृषि संकल्प अभियान को लेकर चौहान ने कृषि वैज्ञानिकों से बात की, कहा- देश कृ‍तज्ञता व्यक्त करेगा

विकसित कृषि संकल्प अभियान को लेकर चौहान ने कृषि वैज्ञानिकों से बात की, कहा- देश कृ‍तज्ञता व्यक्त करेगा

Vikasit Krishi Sankalp Abhiyan: 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' की तैयारियां अंतिम चरण में हैं, जो 29 मई से 12 जून तक चलेगा. इस अभियान में 1.5 करोड़ किसानों से सीधा संवाद करने का लक्ष्य है, जिसमें वैज्ञानिकों की टीमें गांव-गांव जाकर किसानों से बातचीत करेंगी. इससे पहले आज केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि वैज्ञानिकों से बातचीत की.

Shivraj Singh Chouhan Viksit Krishi Sankalp AbhiyanShivraj Singh Chouhan Viksit Krishi Sankalp Abhiyan
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 24, 2025,
  • Updated May 24, 2025, 10:16 PM IST

केंद्रीय कृषि-किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की अगुवाई कर रहे हैं. इस अभियान की तैयारियां अब अपने अंतिम चरण में है. 29 मई को ओडिशा के पुरी से यह व्यापक अभियान शुरू होगा. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का पूरा अमला राज्यों के सहयोग से इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है. आज इसी कड़ी में शिवराज सिंह चौहान ने पूसा कैंपस स्थित सुब्रहमण्यम हॉल में देशभर के कृषि वैज्ञानिकों से बातचीत की. शिवराज सिंह चौहान ने वैज्ञानिकों के प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि इस अभियान के पूरा होने के बाद देश, वैज्ञानिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करेगा.

1.5 करोड़ किसानों से बातचीत करेंगे कृषि वैज्ञानिक

यह अभियान 29 मई से 12 जून तक देशव्यापी स्तर पर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें वैज्ञानिकों की टीमें गांव-गांव जाकर किसानों से सीधे बातचीत करेगी. इस अभियान में 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) और ICAR के 113 संस्थानों के वैज्ञानिक-विशेषज्ञ और राज्यों और अन्य कृषि विभाग का अमला भी शामिल रहेंगे. यह अभियान 700 से ज्यादा जिलों में आयोजित किया जाएगा. साथ ही इसमें कृषि, बागवानी, पशुपालन, मछली पालन आदि विभागों के अधिकारी, वैज्ञानिक एवं नवोन्मेषी किसान भी शामिल रहेंगे. अभियान का लक्ष्य 1.5 करोड़ किसानों से सीधा संवाद करना है.

देशभर के कृषि वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम से जुड़े

कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सभी 113 संस्थानों, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के साथ ही देशभर के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों और केंद्र-राज्यों के कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों-प्राध्यापकों ने आज बड़ी संख्या में सभागार में उपस्थित रहकर और वर्चुअली जुड़े और संवाद कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि मैं सत्ता के सुख के लिए कृषि मंत्री नहीं बना हूं, बल्कि किसानों की सेवा के लिए, उत्पादन बढ़ाने, उत्पादन की लागत घटाने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, देश में अन्न के भंडार भरने और भावी पीढ़ी के कृषि संबंधित हितों की रक्षा के लिए ही मेरा जीवन समर्पित है. चौहान ने कहा कि खाद का संतुलित प्रयोग, स्थानीय परिस्थिति, सही शोध जानकारी होने और अच्छे बीजों से किसान को उत्पादकता बढ़ाने में निश्चित तौर पर मदद मिल सकती है.

खेती हृदय और लगाव का विषय: शिवराज

चौहान ने कृषि वैज्ञानिकों, विभाग का अमला और किसान को जोड़ने पर जोर देते हुए कहा कि इस अभियान के जरिए इसे पूरा करते हुए किसानों से जुड़ने की एक बड़ी कोशिश होने जा रही है. खेती हृदय और लगाव का विषय है. खेती को जिया जाता है. मेरी हर सांस में खेती और रोम-रोम में किसान बसे हैं. फसल के अच्छे और खराब होने पर भावनाएं जुड़ जाती हैं. चौहान ने कहा कि सरकार की पूरी कोशिश कृषि अनुसंधान को आगे बढ़ाने की है.

सरकार फंड की कमी नहीं होने देगी: चौहान

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि‍ शोध और अनुसंधान के लिए हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में फंड की कमी नहीं होने देगी. यह अभियान परिणाम उन्मूलक कार्यक्रम है, जिसका परिणाम इसी खरीफ सीजन में उत्पादन वृद्धि और उत्पादन लागत में कमी के रूप में जल्द ही हमारे सामने होगा. उन्‍होंने देश के वैज्ञानिकों से अपनी शोध क्षमता को वैश्विक स्तर पर सिद्ध करने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि हमारे कृषि संस्थानों में वो ताकत है, जिसका लोहा पूरी दुनिया मानेगी.

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