नेहरू ने करवाई थी सिंधु जल संधि, भारत के किसानों का पेट काटकर पाक को दिया था 80 फीसद पानी- शिवराज सिंह

नेहरू ने करवाई थी सिंधु जल संधि, भारत के किसानों का पेट काटकर पाक को दिया था 80 फीसद पानी- शिवराज सिंह

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंधु जल संधि को भारत और किसानों के साथ ऐतिहासिक अन्याय बताया. जानिए कैसे पंडित नेहरू ने पाकिस्तान को 80% पानी और 83 करोड़ रुपए दिए थे और अब पीएम मोदी ने इस समझौते को रद्द कर किसानों के हक में बड़ा फैसला लिया है.

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नेहरू ने करवाई थी सिंधु जल संधि, भारत के किसानों का पेट काटकर पाक को दिया था 80 फीसद पानी- शिवराज सिंहसिंधु जल संधि पर बोले कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली के पूसा भवन में किसानों के साथ संवाद करते हुए सिंधु जल संधि को लेकर बड़ा और कड़ा बयान दिया. उन्होंने इसे देश और किसानों के साथ अन्याय बताया और प्रधानमंत्री मोदी के फैसले को ऐतिहासिक निर्णय करार दिया. सिंधु जल संधि को लेकर शिवराज सिंह चौहान के बयान से यह साफ है कि केंद्र सरकार देशहित और किसानहित को सबसे ऊपर मानते हुए ऐतिहासिक निर्णय ले रही है. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा यह संधि रद्द करना, भारत की जल नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा और किसानों के भविष्य के लिए एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है.

क्या है सिंधु जल संधि?

सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1960 में हुआ एक जल समझौता है. यह समझौता पंडित जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान के बीच हुआ था.

इस संधि के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों का 80% पानी देने का अधिकार दिया. यही नहीं, भारत ने उस समय पाकिस्तान को 83 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता भी दी थी, जिसकी आज की कीमत लगभग 5500 करोड़ रुपये के बराबर है.

अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था विरोध

शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि उस समय भारत के कई जल विशेषज्ञ प्रतिनिधियों ने इस संधि का विरोध किया था. विशेषज्ञों का मानना था कि यह भारत के हित में नहीं है. फिर भी, पंडित नेहरू ने हस्तक्षेप कर इस संधि को थोपा और लागू कराया. इतना ही नहीं, अटल बिहारी वाजपेयी जी ने भी 1960 में संसद में इसका खुलकर विरोध किया था और कहा था कि यह नहीं होना चाहिए था.

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पानी के साथ दिया गया था पैसा

शिवराज सिंह चौहान ने बेहद भावुक अंदाज में कहा- "हमने अपने किसानों का पेट काटकर उन्हें पानी दिया, जो आतंकवाद को जन्म देने के लिए जिम्मेदार हैं." उन्होंने कहा कि उस समय पाकिस्तान को केवल पानी नहीं, बल्कि पैसा भी दिया गया, जबकि हमारे देश के किसान जल संकट और सिंचाई की समस्याओं से जूझ रहे थे.

मोदी सरकार ने किया अन्याय का अंत

केंद्रीय कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा- "प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऐतिहासिक अन्याय को समाप्त किया. हम उनका अभिनंदन करते हैं." अब भारत वह पानी अपने किसानों और राष्ट्रहित में उपयोग करेगा. यह फैसला देश की जल नीति और कृषि क्षेत्र के लिए बड़ा बदलाव लाएगा.

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सेना की ताकत पर जताया गर्व

सिर्फ सिंधु जल संधि ही नहीं, शिवराज सिंह ने देश की सेना के शौर्य और पराक्रम की भी खुलकर सराहना की. उन्होंने कहा- "पाकिस्तान, तुर्की और चीन के ड्रोन और मिसाइलों से भारत को डराने की सोच रहा था, लेकिन हमारी सेना ने उन्हें खिलौनों की तरह मार गिराया." उन्होंने यह भी कहा कि उनके गिराए गए मलबे से अब हमारे बच्चे खेल रहे हैं और तीन दिन के अंदर पाकिस्तान घुटनों पर आ गया.

किसानों के हित में होगा पानी का उपयोग

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अब वह पानी, जो पहले पाकिस्तान को दिया जाता था, भारत के किसानों और जल योजनाओं में इस्तेमाल किया जाएगा. यह फैसला कृषि क्षेत्र को मजबूती देगा और ग्रामीण भारत को लाभ पहुंचाएगा.

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