किसानों की मदद करो-महंगाई पर काबू पाओ, RSS की इस संस्था ने सरकार को दी सलाह 

किसानों की मदद करो-महंगाई पर काबू पाओ, RSS की इस संस्था ने सरकार को दी सलाह 

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को देश का आम बजट पेश करेंगी. इस बजट से कई लोगों को काफी उम्‍मीदें हैं और किसान भी उनमें से ही एक हैं. स्‍वदेशी जागरण मंच ने सरकार को एक अहम सलाह दी है. एसजेएम की तरफ से अपील की गई है कि बजट ऐसा हो जिसमें छोटे किसानों के लिए सिंचाई सिस्‍टम के लिए सब्सिडी देने और किसानों को उनकी फसल के लिए फायदेमंद कीमत के तरीके सुनिश्चित हो सकें. 

Union Budget 2024: PM Kisan allocation could see a 30% hikeUnion Budget 2024: PM Kisan allocation could see a 30% hike
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Jul 12, 2024,
  • Updated Jul 12, 2024, 6:53 PM IST

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को देश का आम बजट पेश करेंगी. इस बजट से कई लोगों को काफी उम्‍मीदें हैं और किसान भी उनमें से ही एक हैं. स्‍वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) जो राष्‍ट्रीय स्‍वंयसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी हुई संस्‍था है, उसने सरकार को एक अहम सलाह दी है. एसजेएम की तरफ से अपील की गई है कि बजट ऐसा हो जिसमें छोटे किसानों के लिए सिंचाई सिस्‍टम के लिए सब्सिडी देने और किसानों को उनकी फसल के लिए फायदेमंद कीमत के तरीके सुनिश्चित हो सकें. 

प्रॉपर्टी टैक्‍स की सलाह 

एसजेएम की तरफ से ऐसी इंडस्‍ट्रीज को बढ़ावा देने की सलाह दी गई है जो रोजगार को प्रोत्‍साहित कर सकें. सूत्रों की मानें तो पिछले महीने सरकारी अधिकारियों के साथ बजट से पहले हुई मीटिंग के दौरान ये सुझाव दिए गए थे. संस्‍था ने आने वाले समय की जरूरतों के बहाने गैर-जरूरी जमीन पर कब्जा करने को हतोत्साहित करने के लिए प्रॉपर्टी टैक्‍स लगाने का भी सुझाव दिया है.

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प्रॉपर्टी टैक्‍स का सुझाव हर किसी को घर मुहैया कराने के मकसद से दिया गया है. एसजेएम का सुझाव है कि किफायती घरों में मजदूरों और छात्रों के लिए हॉस्‍टल शामिल होने चाहिए. एसजेएम ने महंगाई को एक बड़ी चिंता बताया है. ऐसे में संगठन की तरफ से सरकार से महंगाई पर नियंत्रण लगाने के लिए कदम उठाने की अपील की है. 

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कैसे काबू होगी महंगाई 

एसजेएम ने सुझाव दिया है कि गांव में बुनियादी ढांचे जैसे गोदामों और कोल्ड चेन के निर्माण में सरकारी खर्च को बढ़ाया जा सकता है. एसजेएम के राष्‍ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन के हवाले से हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स ने लिखा है कि ऐसा मानना है कि किसानों को दी जाने वाली कीमतों की वजह से खाने पीने की चीजें महंगी होती हैं. ये इस बात का सबूत है कि किसानों को जो कीमत मिलती है, अगर बाजार के खिलाड़ियों की तरफ से मुनाफा कमाने की मंशा न हो तो महंगाई को काबू किया जा सकता है.  

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लगाया जाए रोबोट टैक्‍स 

महाजन का कहना था कि सरकार को ई-मार्केट, मॉर्डन वेयरहाउसिंग की सुविधा और एडवांस टेक्‍नोलॉजी की मदद से किसानों को लाभकारी मूल्य तय करने के लिए नए तरीके खोजने की जरूरत है. मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए संगठन की तरफ से 'रोबोट टैक्‍स' लगाने की सलाह दी गई है. इस टैक्‍स के बारे में दावा किया जाता है कि इसका मकसद नई टेक्‍नोलॉजी की वजह से नुकसान उठाने वाले लोगों को क्रॉस सब्सिडी देना है. एसजेएम की मानें तो इस तरह से जुटाई गई रकम का प्रयोग विस्थापितों को नई टेक्‍नोलॉजी अपनाने में मदद करने के लिए किया जा सकता है. 

 

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