20 जुलाई को आयोजित एसकेएम की जनरल बॉडी बैठक में 12 राज्यों से 37 किसान संगठनों के 106 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. अध्यक्ष मंडल में अशोक धावले, दर्शन पाल, युधवीर सिंह, अशिष मित्तल, बडगलपुरा नागेंद्र, सुनीलम, रेवुला वेंकैय्या, पुरुषोत्तम शर्मा और सत्यवान शामिल थे. हन्नान मोल्ला ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया, राजन क्षीरसागर ने एजेंडा प्रस्तुत किया.
एसकेएम 13 अगस्त को देशभर में “कॉरपोरेशन्स भारत छोड़ो” दिवस के रूप में मनाएगा. एसकेएम ने कहा कि उसे आशंका है कि मोदी सरकार अमेरिका के दबाव में एफटीए पर हस्ताक्षर कर भारतीय अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से कृषि, दुग्ध और खाद्य बाजार क्षेत्रों को खोलने की ओर बढ़ रही है, जो पूरे देश और जनता के हितों को नुकसान पहुंचाएगा. यह एफटीए 1 अगस्त 2025 से प्रभाव में आने की संभावना है. 9 अगस्त ब्रिटिश उपनिवेशवाद के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन की 83वीं वर्षगांठ है.
एसकेएम ने कहा, बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा अमेरिका के दबाव स्वीकार करने, जीएम खाद्य सहित खाद्य और दुग्ध उत्पादों के आयात में वृद्धि और खाद्य बाजारों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की पैठ के विरोध में इस जन आंदोलन के माध्यम से एक जन चेतावनी जारी करेगा. किसान 13 अगस्त 2025 को ‘कॉरपोरेशन्स भारत छोड़ो’ का नारा लगाते हुए ट्रैक्टर/मोटर वाहन परेड और प्रदर्शन आयोजित करेंगे और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले जलाएंगे.
पंजाब में एसकेएम इकाइयां 30 जुलाई को सभी जिलों में ट्रैक्टर रैलियां और 24 अगस्त को आप सरकार की नई भूमि पूलिंग नीति के खिलाफ एक विशाल महापंचायत आयोजित करेंगी. एसकेएम आमसभा ने अदानी समूह की कोयला खदानों के लिए ज़मीन के जबरन अधिग्रहण का विरोध कर रहे सिंगरौली के आदिवासी किसानों के संघर्ष के प्रति पूर्ण एकजुटता प्रकट की.
26 नवंबर 2025, 2020-21 के ऐतिहासिक किसान आंदोलन की 5वीं वर्षगांठ है. एसकेएम ट्रेड यूनियन आंदोलन और कृषि श्रमिक आंदोलन के साथ तालमेल कर दिल्ली और राज्य की राजधानियों में विशाल मजदूर-किसान संयुक्त प्रदर्शन आयोजित करेगा. एसकेएम ने बैठक में अपनी मांगें उठाई जो इस प्रकार हैं-
1. कृषि क्षेत्र/खाद्यान्न उत्पादन और दुग्ध क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी द्विपक्षीय व्यापार समझौते और सस्ते आयात को अस्वीकार करें.
2. संघीय अधिकारों को कमजोर करने और सरकारी कृषि बाजारों के कॉरपोरेट अधिग्रहण को बढ़ावा देने वाले कॉरपोरेट समर्थक एनपीएफएएम को रद्द करें.
3. सभी फसलों के लिए एमएसपी/सी2 50 फीसदी और गारंटीकृत खरीद.
4. किसान और कृषि श्रमिकों के सभी वर्गों के लिए समग्र ऋण माफी ताकि किसान आत्महत्याओं को रोका जा सके.
5. अंधाधुंध भूमि अधिग्रहण, भूमि पूलिंग योजनाएं, औद्योगिक मॉडल टाउनशिप नहीं और भूमि अधिग्रहण पुनर्वास व पुनर्स्थापना अधिनियम 2013 का सही कार्यान्वयन.
6. बिजली का निजीकरण नहीं, स्मार्ट मीटरों का थोपना नहीं, सभी ग्रामीण परिवारों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाए.
बैठक में 10 साल से अधिक पुराने ट्रैक्टरों पर प्रतिबंध हटाने, उर्वरक सब्सिडी बहाल करने, नकली उर्वरकों और कीटनाशकों के व्यापार को रोकने, जमाखोरी, कालाबाजारी, व्यापक भ्रष्टाचार समाप्त करने और गुणवत्तापूर्ण उर्वरकों और कीटनाशकों के घरेलू उत्पादन में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष न्यायाधिकरण की व्यवस्था की मांग की ताकि वन्यजीवों के प्रकोप के शिकार लोगों को उचित मुआवजा मिल सके और जीवन, फसल और घरेलू पशुओं के नुकसान के गंभीर खतरे के स्थायी और वैज्ञानिक समाधान सुनिश्चित हो सकें.