महाराष्ट्र में तीन हफ्ते तक चला मॉनसून सत्र शुक्रवार को समाप्त हो गया. इसमें 16 विधेयक पारित हुए. विधानमंडल के सत्रावसान के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकारो से बात की. उन्होंने मॉनसून सत्र संचालन पर अपनी सरकार के प्रदर्शन पर संतोष जाहिर किया और आरोप लगाया कि विपक्ष ने 'गोली मारो और भाग जाओ' (बिना सबूत के आरोप लगाना) वाला रवैया अपनाया. इस दौरान सीएम फडणवीस ने कहा कि महायुति सरकार किसानों की लोन माफी के लिए प्रतिबद्ध है. लेकिन, यह एक एक अल्पकालिक उपाय है. हमने कृषि संकट को दूर करने और किसानों को लोन से मुक्ति दिलाने के लिए दीर्घकालिक समाधान सुझाने के लिए एक समिति बनाई है.
उन्होंने कहा कि सत्र का मुख्य आकर्षण कई विधेयकों का पारित होना रहा, जिनमें वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए विशेष जन सुरक्षा विधेयक, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग को वैधानिक दर्जा प्रदान करने, नासिक कुंभ मेले के लिए एक अलग प्राधिकरण और गढ़चिरौली के लिए खनन प्राधिकरण की स्थापना, और मादक पदार्थों से जुड़े अपराधों को कठोर संगठित अपराध-रोधी कानून मकोका के अंतर्गत लाने से संबंधित विधेयक शामिल हैं. शाम को विधानमंडल के दोनों सदनों के सत्रावसान के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि 57,000 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांगें पारित की गईं.
अनुपूरक मांगें सरकार द्वारा बजटीय आवंटन से अधिक मांगी गई अतिरिक्त धनराशि होती हैं. उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दलों ने महायुति सरकार पर निराधार आरोप लगाए और 'गोली मारो और भाग जाओ' (बिना सबूत के आरोप लगाना) का तरीका अपनाया. गौरतलब है कि गोली मारो और भाग जाओ एक सैन्य रणनीति है, जिसमें दुश्मन के जवाबी हमले से बचने के लिए गोलीबारी के बाद तुरंत अपनी जगह बदल लेना शामिल है.
गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे फडणवीस ने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा पूछे गए प्रश्न गलत जानकारी पर आधारित थे, क्योंकि उनके पास विधानमंडल में उठाने के लिए कोई मुद्दा नहीं था. एक प्रश्न के उत्तर में, मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में अब तक मॉनसून सीजन के लिहाज से 93 प्रतिशत बारिश हुई है. जलाशयों में पर्याप्त जल भंडार है और खरीफ का मौसम अच्छा रहेगा. उन्होंने बताया कि सुरक्षा विधेयक पर विधानमंडल की संयुक्त प्रवर समिति को 12,500 आपत्तियां और सुझाव मिले हैं.
वहीं, विपक्षी दलों ने विधेयक की आलोचना करते हुए इसे "दमनकारी, अस्पष्ट और दुरुपयोग के लिए खुला" बताया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ सदस्य विधेयक, उसके खंडों और प्रावधानों को पढ़े बिना ही बोल रहे हैं. पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली जिले के इस्लामपुर शहर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने के बारे में पूछे जाने पर, फडणवीस ने कहा कि मूल नाम बहाल कर दिया गया है. इस्लामपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व विपक्षी एनसीपी (एसपी) के विधायक और पूर्व मंत्री जयंत पाटिल करते हैं.
उन्होंने कहा, "जयंत पाटिल से (इस्लामपुर का नाम बदलने के बारे में) पूछने का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि वह सरकार का हिस्सा नहीं हैं." नासिक और रायगढ़ जिलों के संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति में देरी के बारे में पूछे गए एक सवाल पर, मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर उचित समय पर विचार किया जाएगा. उन्होंने तर्क दिया कि संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति में देरी के कारण (दोनों जिलों में) विकास कार्य नहीं रुके हैं. बीजेपी के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के घटक दल शिवसेना और राकांपा, नासिक और रायगढ़ जिलों के संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर आमने-सामने हैं. (पीटीआई)