राकांपा (सपा) प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को देश के किसानों की कोई परवाह नहीं है. उन्होंने दावा किया कि केंद्र 2024 तक उनकी आय दोगुनी करने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रहा है. पवार ने कहा कि देश में अब स्थिति अलग है. आगामी (लोकसभा) चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं. प्रधानमंत्री ने एक बार आश्वासन दिया था कि 2024 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 48 सांसदों का चुनाव करने वाले महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 20 मई के बीच पांच चरणों में होंगे.
83 वर्षीय राकांपा नेता ने कहा कि देश के किसानों ने प्याज को लेकर राहत की मांग की है. उन्होंने इंदापुर में रैली में कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को किसानों की परवाह नहीं है, जो बारामती लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. पवार की बेटी और तीन बार की सांसद सुप्रिया सुले बारामती से चुनाव लड़ेंगी. पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने 2022 में कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा राज्यसभा सांसद की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार के खिलाफ बोलने के बाद सेना (यूबीटी) नेता राउत को सलाखों के पीछे डाल दिया गया था.
ये भी पढ़ें- तेलंगाना में ओलावृष्टि से 50000 एकड़ में लगी फसलें बर्बाद, सरकार 10000 रुपये प्रति एकड़ देगी मुआवजा
पवार ने कहा कि कड़ी मेहनत के बावजूद, अरविंद केजरीवाल को जेल भेज दिया गया है. पिछले दिल्ली चुनाव में भाजपा ने केवल 2 प्रतिशत सीटें जीतीं और बाकी सीटें केजरीवाल (आप) के पक्ष में रहीं. ईडी ने गुरुवार को केरजीवाल को उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया. शुक्रवार को उन्हें छह दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया.
रैली में संजय राउत ने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हमें आपके अच्छे दिन नहीं चाहिए. हमें 2014 से पहले के दिन बताइए. अजित पवार के उनके गठबंधन में शामिल होने के बाद हम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. एकनाथ शिंदे के हमारे छोड़ने के बाद हमारी पार्टी मजबूत हुई है. जो लोग हमें छोड़कर चले गए, उनके बाद महाराष्ट्र में कोई अंतर नहीं देखा गया.
ये भी पढ़ें- Bihar Board 12th Result बिहार बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, इस बार 85 फीसदी से अधिक पास हुए स्टूडेंट्स
शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा पिछले साल तब विभाजित हो गई जब अजित पवार और उनके प्रति वफादार कई विधायक अलग होकर महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए. 2022 में शिंदे ने बीजेपी की मदद से मुख्यमंत्री बनने के लिए मूल शिवसेना में इसी तरह की उथल-पुथल मचा दी थी. रावत ने कहा कि हमें धमकी मत दो. हम किसी भी चीज से डरने वाले नहीं हैं. अगले चार महीनों में हम देश में सत्ता परिवर्तन देखेंगे. एक बार हमारी सरकार बन गई तो आपकी पार्टी में कोई नहीं बचेगा.