शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे: किसान नेता बोले, किसानों की कीमत पर कुछ लोगों की मदद करना है

शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे: किसान नेता बोले, किसानों की कीमत पर कुछ लोगों की मदद करना है

स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने शनिवार को प्रस्तावित शक्तिपीठ एक्सप्रेस-वे का विरोध किया. उनका कहना है कि यह निहित स्वार्थों से प्रेरित है. 86,300 करोड़ रुपये की लागत वाला नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेस-वे 810 किलोमीटर लंबा है और महाराष्‍ट्र के 12 जिलों से होकर गुजरेगा. पिछले करीब एक साल से शक्तिपीठ एक्‍सप्रेस-वे विवादों में है.

शक्तिपीठ एक्‍सप्रेस-वे का मामला फिर से गर्माया शक्तिपीठ एक्‍सप्रेस-वे का मामला फिर से गर्माया
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 12, 2025,
  • Updated Apr 12, 2025, 8:57 PM IST

स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने शनिवार को प्रस्तावित शक्तिपीठ एक्सप्रेस-वे का विरोध किया. उनका कहना है कि यह निहित स्वार्थों से प्रेरित है. 86,300 करोड़ रुपये की लागत वाला नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेस-वे 810 किलोमीटर लंबा है और महाराष्‍ट्र के 12 जिलों से होकर गुजरेगा. पिछले करीब एक साल से शक्तिपीठ एक्‍सप्रेस-वे विवादों में है. किसानों की मानें तो यह हाइवे उनकी खेती के लिए खतरा है और इससे उनका लाखों का नुकसान होगा. 

किसानों को मुआवजा काफी नहीं  

शेट्टी ने दावा किया, 'एक्सप्रेस-वे के लिए 55,000 किसानों की करीब 27,000 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जाएगी. मुआवजा पर्याप्त नहीं है.' उनका कहना है कि पूर्व मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे सरकार के तहत भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम 2013 में उचित मुआवजा और पारदर्शिता के अधिकार में किए गए संशोधनों ने किसानों की सुरक्षा के लिए बनाए गए प्रावधानों को कमजोर कर दिया. शेट्टी ने बताया कि नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेसवे, जिसे इसी तरह के विरोध के बीच बनाया गया था, का कम उपयोग किया गया है. 

फसल बीमा योजना की आलोचना 

उन्होंने केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की भी आलोचना की. शेट्टी ने दावा किया, 'यह निजी बीमा कंपनियों की मदद करने के लिए एक घोटाला है. पिछले पांच वर्षों में बीमा कंपनियों ने इस योजना के तहत पूरे देश में 50,000 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है. अकेले महाराष्‍ट्र में, उनका लाभ 10,500 करोड़ रुपये था. उन्होंने कहा कि महाराष्‍ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार की तरफ से कृषि ऋण माफ करने से इनकार करना 'विश्वासघात से कम नहीं है.'  शेट्टी वर्तमान में कृषि संबंधी समस्याओं को उजागर करने के लिए मराठवाड़ा और विदर्भ का दौरा कर रहे हैं. 

फसल बीमा योजना की आलोचना 

उन्होंने केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की भी आलोचना की. शेट्टी ने दावा किया, 'यह निजी बीमा कंपनियों की मदद करने के लिए एक घोटाला है. पिछले पांच वर्षों में बीमा कंपनियों ने इस योजना के तहत पूरे देश में 50,000 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है. अकेले महाराष्‍ट्र में, उनका लाभ 10,500 करोड़ रुपये था. उन्होंने कहा कि महाराष्‍ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार की तरफ से कृषि ऋण माफ करने से इनकार करना 'विश्वासघात से कम नहीं है.' शेट्टी वर्तमान में कृषि संबंधी समस्याओं को उजागर करने के लिए मराठवाड़ा और विदर्भ का दौरा कर रहे हैं. 

MORE NEWS

Read more!