संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे मोर्चों से बातचीत के लिए सुप्रीम कोर्ट की बनाई हाई पावर कमेटी से मिलने में असमर्थता जताई है. एसकेएम ने कहा कि पहली बात तो यह है कि वह मोर्चों का हिस्सा नहीं है और दूसरी बात यह है कि एसकेएम कोर्ट की दखल को स्वीकार नहीं करता है, क्योंकि किसान केंद्र सरकार के बनाए गए नीतिगत मुद्दों से लड़ रहे हैं. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी ने किसानों के मुद्दों पर 3 जनवरी को बैठक के लिए न्योता दिया था. एसकेएम ने इस बैठक में आने से मना कर दिया है.
और भी किसान संगठनों ने इस बैठक में आने से इनकार किया जिसके बाद हाई पावर कमेटी ने इस मीटिंग को टाल दिया. यह मीटिंग पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज नवाब सिंह की अध्यक्षता में होनी थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की बनाई इस हाई पावर कमेटी ने बैठक रद्द कर दी, क्योंकि किसानों ने बातचीत करने से इनकार कर दिया है.
एसकेएम-राजेवाल समूह ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया. इसके बाद कमेटी की ओर से किसानों के साथ होने वाली बैठक रद्द कर दी गई. हालांकि एसकेएम-उग्राहां समूह के साथ आगे की बातचीत 4 जनवरी को होनी है और हाई पावर कमेटी की ओर से उन्हें निमंत्रण भेजा गया है. लेकिन कल खनौरी में महापंचायत होगी. उसके बाद देखने वाली बात होगी कि किसान मोर्चा किस हालात में पहुंचता है और किसान संगठन आगे किसी बातचीत के लिए तैयार होते हैं या नहीं.
इस मामले में किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई हाई पावर कमेटी से बातचीत करने के लिए हम नहीं जाएंगे क्योंकि हम पहले ही साफ कर चुके हैं कि यह मामला अदालतों का नहीं है. हमारी मांग केंद्र सरकार से है. केंद्र सरकार हमसे बातचीत करे. किसान आंदोलन में फूट डालने के लिए आज की बैठक बुलाई गई है जबकि यह कमेटी पहले ही अपनी सिफारिश सुप्रीम कोर्ट में रख चुकी है.
पंढेर ने कहा, इस कमेटी की जो टर्म्स एंड कंडीशन हैं, उसके चलते हम इस बैठक में शामिल नहीं होंगे. सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि कल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि केंद्र सरकार ने उनको अर्ध सैनिक बल और एयर एम्बुलेंस मुहैया कराने का ऑफर दिया था. केंद्र सरकार चाहती है कि गोलियां चलाकर जगजीत सिंह डल्लेवाल को उठाकर लाया जाए. हम मुख्यमंत्री की इस बात से सहमत नहीं हैं. साथियों ने तय किया है कि जगजीत सिंह डल्लेवाल किसी भी प्रकार की मेडिकल सुविधा नहीं लेंगे.
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर किसानों से बातचीत न करने के लिए जमकर हमला बोला. उनका बयान 70 वर्षीय जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन के 38वें दिन के मौके पर आया, जो कि केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन पर हैं.
सीएम भगवंत मान ने कहा कि किसानों की सभी मांगें केंद्र से जुड़ी हुई हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं की है. उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि डल्लेवाल की जान खतरे में है और केंद्र सरकार ने उनकी मांगों के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं.
मान ने कहा, "केंद्र सरकार को किसानों की मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और जल्द से जल्द इस मुद्दे पर चर्चा शुरू करनी चाहिए. अगर यही स्थिति रही, तो और भी किसान अपने जीवन की कीमत पर संघर्ष करेंगे." मान ने आगे कहा कि डल्लेवाल के स्वास्थ्य की चिंता सर्वोपरि है, और राज्य सरकार ने उनकी देखभाल के लिए सभी कदम उठाए हैं, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से किसी भी प्रकार का संवाद नहीं किया जा रहा.