किसान नेता राकेश टिकैत शुक्रवार को पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर जाएंगे. इसका आधिकारिक ऐलान कर दिया गया है. ऐसा पहली बार होगा जब टिकैत गुट की ओर से खनौरी बॉर्डर के किसान आंदोलन को समर्थन दिया जाएगा. इससे पहले टिकैत गुट की ओर से ऐसा कोई आश्वासन नहीं दिया गया था. राकेश टिकैत अपने सहयोगी किसानों के साथ 1 बजे खनौरी बॉर्डर पहुंचेंगे.
राकेश टिकैत के साथ कई किसानों का समूह खनौरी बॉर्डर रवाना होगा. इससे खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को और धार मिल सकती है. यहां पिछले 17 दिनों से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन कर रहे हैं.
इसी के साथ पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन अब तेजी पकड़ने वाला है, क्योंकि अलग-अलग किसान संगठनों ने अपना समर्थन देने की घोषणा की है. भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने खनौरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन के लिए अपना पूर्ण समर्थन घोषित किया है. इससे पता चलता है कि खनौरी पर चलने वाला किसान आंदोलन आने वाले दिनों में तेज हो सकता है.
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अब तक, संयुक्त किसान मोर्चा और उसके सहयोगी संगठनों ने इस विशेष आंदोलन से दूरी बनाए रखी थी. BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने के लिए खनौरी सीमा पर जाने की घोषणा की है.
टिकैत और डल्लेवाल गुट की यह बैठक बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि BKU-लाखोवाल के प्रमुख हरिंदर सिंह लखोवाल और BKU के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष रतनमान जैसे प्रमुख नेता अन्य किसान समूहों के नेताओं के साथ मौजूद रहेंगे. BKU ने एक बयान में जोर दिया, जब केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून पारित किए, तो देश भर के किसान इन ‘काले कानूनों’ का विरोध करने के लिए एकजुट हुए. दिल्ली को घेरने वाले साल भर के विरोध ने सरकार को कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर किया. संयुक्त किसान मोर्चा और अलग-अलग किसान संगठनों ने आंदोलन की कामयाबी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
हालांकि, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी की किसानों की मांगें पूरी नहीं हुई हैं, जिससे विरोध प्रदर्शन जारी है. शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की आवाजें और तेज होने की उम्मीद है क्योंकि राकेश टिकैत और अन्य किसान नेता विरोध में शामिल होकर इसे और मजबूती देंगे.
टिकैत के इस नए ऐलान से किसानों के अनसुलझे मुद्दों की ओर सरकार का ध्यान बढ़ने की उम्मीद है. किसान संगठनों को उम्मीद है कि यह समर्थन उनके आंदोलन को मजबूत करेगा, उनकी मांगों को और अधिक प्रमुखता से सामने लाएगा और सरकार को उनकी चिंताओं को और अधिक गंभीरता से लेने के लिए मजबूर करेगा.
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उधर खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 16 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं. उनकी तबीयत बिगड़ रही है और डॉक्टरों का कहना है कि यही सिलसिला जारी रहा तो उनकी किडनी फेल हो सकती है. उन्हें संक्रमण न लगे, इसे देखते हुए बाकी किसानों से उन्हें नहीं मिलने दिया जा रहा है. डल्लेवाल का कहना है कि सरकार जब तक किसानों की मांगें नहीं मान लेती, वे अपना आमरण अनशन जारी रखेंगे.