पंजाब सरकार ने 118 पीड़ित किसान परिवारों को सौंपा सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र, जानें पूरा मामला

पंजाब सरकार ने 118 पीड़ित किसान परिवारों को सौंपा सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र, जानें पूरा मामला

पहले पंजाब सरकार ने प्रत्येक पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी के अलावा 5 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी. 326 परिवारों को नौकरी के लिए महीनों पहले ही नियुक्ति पत्र दिया जा चुका था. फिर भी लगभग 400 परिवार नौकरियों का इंतजार कर रहे थे.

पीड़ित किसान परिजनों को मिला नियुक्ति पत्र. (सांकेतिक फोटो)पीड़ित किसान परिजनों को मिला नियुक्ति पत्र. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 16, 2024,
  • Updated Mar 16, 2024, 11:42 AM IST

पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ 13 महीने लंबे विरोध प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र बांटना शुरू कर दिया है. राज्य के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां के आवास के बाहर आंदोलन के दौरान जाव गंवाने वाले किसानों के पीड़ित परिवार करीब 50 दिनों से विरोध- प्रदर्शन कर रहे थे. ऐसे में पंजाब सरकार ने 118 मृत किसान के परिवारों को नियुक्ति पत्र देने का काम किया. दरअसल, दिल्ली की सीमाओं और पंजाब में कई स्थानों पर विरोध - प्रदर्शन के दौरान लगभग 750 किसानों की मौत हो गई थी. तब से पीड़ित परिजन सरकार से सरकारी नौकरी की मांग कर रहे थे.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले पंजाब सरकार ने प्रत्येक पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी के अलावा 5 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी. 326 परिवारों को नौकरी के लिए महीनों पहले ही नियुक्ति पत्र दिया जा चुका था. फिर भी लगभग 400 परिवार नौकरियों का इंतजार कर रहे थे. नौकरी की मांग करते हुए, पीड़ित परिवारों के सदस्यों ने 23 जनवरी, 2024 को खुड्डियां के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था.

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किसानों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

उधर गुरुवार को एक दिवसीय महापंचायत आयोजित करने की अनुमति मिलने के बाद देश भर से हजारों किसान और दिहाड़ी मजदूर बसों, ट्रकों, कारों और ट्रेनों से दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचे. वे अपनी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर केंद्र सरकार से गारंटी मांगने के लिए वहां एकत्र हुए थे. देशभर में 400 से अधिक छोटे-बड़े किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आयोजित इस महापंचायत में हिस्सा लिया. किसान मजदूर महापंचायत ने किसानों, मजदूरों और दैनिक ग्रामीणों से संबंधित मुद्दों को उठाया. 

23 मार्च को होगा बड़ा आंदोलन

वहीं, महापंचायत में किसान नेताओं ने आगे की रणनीति का खुलासा नहीं किया. किसानों ने कहा कि अब 23 मार्च को बड़ा कार्यक्रम किया जाएगा. इस दिन क्रांतिकारी भगत सिंह का शहीदी दिवस है. इस दिन किसान गांव-गांव जाकर लोगों को अपने आंदोलन से जुड़ने की अपील करेंगे और अपनी मांगों के बारे में बताएंगे. कहा जा रहा है कि 23 मार्च को ही किसान आंदोलन की अगली रणनीति का खुलासा होगा. हालांकि, राकेश टिकैत ने घोषणा की है कि अगला आंदोलन केएमपी एक्सप्रेसवे पर होगा. लेकिन, इसकी अभी कोई तारीख नहीं बताई गई है. अनुमान लगाया जा रहा है कि 23 मार्च को इस पर भी फैसला किया जा सकता है. 

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