Lab to Land: हफ्ते में 2 दिन कृषि मंत्री तो 3 दिन वैज्ञानिक करेंगे खेतों का दौरा, शिवराज सिंह का बड़ा ऐलान

Lab to Land: हफ्ते में 2 दिन कृषि मंत्री तो 3 दिन वैज्ञानिक करेंगे खेतों का दौरा, शिवराज सिंह का बड़ा ऐलान

Lab to Land: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केवीके के वैज्ञानिकों को हफ्ते में तीन दिन खेतों में जाना होगा और किसानों से बात करनी होगी क्‍योंकि असली काम तो वही होना हैं. वहीं उन्‍होंने खुद भी हफ्ते में दो दिन किसानों के बीच जाने की बात कही. साथ ही उन्‍होंने अफसरों को भी आदेश दिया कि वो भी खेतों में किसानों के बीच निश्चित समय के लिए जाएं.

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क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Jun 18, 2025,
  • Updated Jun 18, 2025, 2:23 PM IST

कृषि मंत्रालय और ICAR की तरफ से पिछले दिनों विकसित कृषि संकल्‍प अभियान का समापन हुआ है. 15 दिनों तक चला यह कार्यक्रम 29 मई से शुरू होकर 12 जून को खत्‍म हो गया है. इसी कार्यक्रम के बारे में मीडिया को और ज्‍यादा जानकारी देने के लिए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि वह हफ्ते में दो दिन खेतों का दौरा करेंगे. साथ ही हफ्ते में तीन दिन कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) के वैज्ञानिकों का किसानों के बीच जाना अनिवार्य होगा. 

हफ्ते में 3 दिन वैज्ञानिक जाएंगे खेत पर 

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित कृषि और किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्‍प है. इसे पूरा करने के लिए आईसीएआर के वैज्ञानिकों के साथ मंत्रालय जी-जान से जुटा है. कृषि मंत्री ने कहा कि केवीके बहुत ही महत्‍वपूर्ण हैं और ऐसे में इनका एक जैसा स्‍वरूप तैयार किया जाएगा. उन्‍होंने कहा कि केवीके के वैज्ञानिकों को हफ्ते में तीन दिन खेतों में जाना होगा और किसानों से बात करनी होगी क्‍योंकि असली काम तो वही होना हैं. वहीं उन्‍होंने खुद भी हफ्ते में दो दिन किसानों के बीच जाने की बात कही. साथ ही उन्‍होंने अफसरों को भी आदेश दिया कि वो भी खेतों में किसानों के बीच निश्चित समय के लिए जाएं. उन्‍होंने बताया कि पीएम मोदी पिछले साल अगस्‍त में पूसा के परिसर में आए थे और उन्‍होंने 65 फसलों की 129 किस्‍मों का लोकार्पण किया था. पीएम मोदी ने उसी खेत में इन किस्‍मों का लोकार्पण किया था, जहां पर वैज्ञानिक मौजूद थे. कृषि मंत्री की मानें तो पीएम मोदी के 'लैब टू लैंड' को ही प्रेरणा माना और इस अभियान को चलाया. 

अभी खत्‍म नहीं हुआ अभियान 

कृषि मंत्री ने कहा कि 24 जून को पूसा इंस्‍टीट्यूट में सभी वैज्ञानिक मौजूद रहेंगे. कुछ वैज्ञानिक और अधिकारी वर्चुअल तौर पर जुड़ेंगे और चर्चा करेंगे.  कृषि मंत्री ने शिवराज सिंह ने मीडिया कहा कि विकसित कृषि संकल्‍प अभियान अभी खत्‍म नहीं हुआ है. उनका कहना था उन्‍होंने बताया है कि रबी सीजन में फिर से विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया जाएगा.  इसके अलावा कृषि मंत्री ने ऐलान किया कि वह 26 जून को इंदौर में होंगे जहां पर वह सोयाबीन की समस्या को लेकर किसानों और वैज्ञानिकों से वार्ता करेंगे. उसके बाद कपास और गन्‍ने पर काम होगा और फिर तिलहन की फसलों पर इसी तरह की चर्चाएं होंगी. इसी तरह से कपास और गन्ने की समस्या पर भी प्रोग्राम किया जाएगा. कृषि मंत्री ने बताया कि रेड रॉट रोग की वजह से गन्‍ना किसानों को काफी नुकसान होता है. ऐसे में उन्‍होंने वैज्ञानिकों से अपील की कि गन्‍ने की ऐसी किस्‍मों को विकसित किया जाए जो इस रोग से बची रहें. वहीं धान की डायरेक्‍ट सीडिंग की किस्‍में तैयार की जाएं. 

बीज और कीटनाशकों पर कानून होगा सख्त 

कृषि मंत्री ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अमानक बीज और कीटनाशकों पर काम करने की जरूरत है. उन्‍होंने कहा कि लगभग हर जगह के किसानों ने उन्‍हें बताया कि वो कीटनाशक तो डालते हैं लेकिन उसका उतना प्रभाव नहीं होता है. सब-स्‍टैंडर्ड बीज और कीटनाशक को लेकर हर तरफ से शिकायतें आ रही हैं. इसलिए इन दोनों पर काम होगा और सीड एक्ट को कड़ा किया जाएगा. साथ ही साथ पेस्‍टीसाइड एक्‍ट को भी सख्‍त बनाया जाएगा. कृषि मंत्री ने कहा की योजना और नीतियों को बनाते समय किसानों के सुझावों का ध्‍यान में रखा जाएगा. उनका कहना था कि ऐसे गुणवत्‍ता युक्‍त बीज लाए जाएंगे जिससे किसानों को ज्‍यादा से ज्‍यादा फायदा हो. 

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