जीएसटी, मनरेगा, एमएसपी गारंटी...CACP की बैठक में क‍िसानों ने उठाई बड़ी मांग, क्या मान जाएगी सरकार?

जीएसटी, मनरेगा, एमएसपी गारंटी...CACP की बैठक में क‍िसानों ने उठाई बड़ी मांग, क्या मान जाएगी सरकार?

इस बैठक में कई मांग उठाई गई जिनमें तिलहन-दलहन और मोटे अनाजों की खरीद पर प्रतिबंध समाप्त कर खरीद नीति तैयार करना, कृषि उत्पादों के संबंध में आयात-निर्यात, शुल्क और न्यूनतम निर्यात मूल्य में अंतिम निर्णय करने का अधिकार वित्त मंत्रालय से हटाकर कृषि मंत्रालय को देने, नकली खाद, बीज, कीटनाशकों को रोकने की प्रभावी कार्यवाही के साथ उनकी उपलब्धता समय पर और उचित मूल्य पर सुनिश्चित करना आदि शामिल हैं.

Agricultural Cost and Price Commission meetingAgricultural Cost and Price Commission meeting
क‍िसान तक
  • Delhi ,
  • Jun 18, 2025,
  • Updated Jun 18, 2025, 9:49 AM IST

क़ृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की द‍िल्ली में हुई एक बैठक में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने किसानों के कई मुद्दे उठाए. उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने, मनरेगा को कृषि से जोड़ने, कृषि उत्पादों पर जीएसटी खत्म करने और नैनो यूरिया और डीएपी की बाध्यता खत्म करने जैसी मांग को उठाकर सरकार का ध्यान खींचा. रबी सीजन की फसलों की एमएसपी तय करने के संबंध में बुलाई गई बैठक में जाट ने कहा क‍ि तिलहन-दलहन और मोटे अनाजों की खरीद पर लगी सील‍िंंग खत्म करके एक नई खरीद नीति तैयार करनी चाह‍िए. यही नहीं कृषि उत्पादों के आयात-निर्यात, शुल्क और न्यूनतम निर्यात मूल्य में अंतिम निर्णय करने का अधिकार वित्त मंत्रालय से हटाकर कृषि मंत्रालय को देना चाह‍िए. 

आयोग की मीटिंग में उठीं ये मांगें

मनरेगा को कृषि से जोड़ने, कृषि उत्पादन पर जीएसटी कम करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की सार्थकता के लिए खरीद की गारंटी का कानून बनाने जैसी अनुशंसा आयोग की ओर से पहले की गई थी. जाट ने आरोप लगाया कि सरकार ने इन अनुशंसाओं पर सार्थक पहल नहीं की. इसलिए इन अनुशंसाओं को दोहराने का भी आग्रह किया गया है. कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा अब तक की गई गैर मूल्य अनुशंसाओं की समीक्षा किए जाने की आवश्यकता जताई गई जिससे कितनी गैर मूल्य अनुशंसाओं पर अब तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई, इसकी जानकारी किसानों को मिल सकेगी.

फसल बीमा योजना को लेकर शिकायत

इस बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की विसंगतियों को लेकर एक प्रतिवेदन तैयार कर आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया. इनके अतिरिक्त पहाड़ी क्षेत्र में बे-सहारा गाय और बंदरों से होने वाली फसलों की क्षति को रोकने का आग्रह किया गया. ज़ायद में उगने वाली मूंग की खरीद नहीं होने से किसानों को हुए घाटे पर चिंता जाहिर की गई. इस बैठक में अन्य किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भागीदारी की जिनमें ऑल इंडिया किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक, भारतीय किसान संघ, सीफा, पीजेंट फार्मर  एसोसिएशन, भारतीय किसान यूनियन हरियाणा आदि प्रमुख हैं.

क़ृषि लागत एवं मूल्य आयोग की बैठक नई दिल्ली में स्थित डां. अंबेडकर अंतर राष्ट्रीय केंद्र भवन में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता डॉ. विजय पॉल शर्मा आयोग के अध्यक्ष ने की. उन्होंने उत्पादकता बढ़ाने और आयातित तिलहन और दलहन की उपजों का उत्पादन कम होने पर चिंता व्यक्त करते हुए किसानों को लाभकारी मूल्य देने के लिए क़ृषि उत्पादों की लागत कम करने के लिए प्रतिनिधियों से भी सुझाव आमंत्रित किए.

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