एक के बाद एक जमीन आवंटन की श्रृंखला में महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने ठाणे में कई प्रोजेक्ट्स के लिए सरकारी प्लॉट्स के डिस्ट्रीब्यूशन को मंजूरी दे दी है. हालांकि इस पर अब कई लोगों ने सवाल उठाना भी शुरू कर दिया है. विरोधियों का मानना है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस अलॉटमेंट के साथ ही अपने करीबियों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं. कुछ लोग इसे उनके विधानसभा चुनावों से पहले उठाए गए बड़े कदमों में भी मान रहे हैं. उनका कहना है कि इन फैसलों से कहीं न कहीं उन्हें ठाणे में फायदा हो सकता है.
हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक सदस्य के नेतृत्व वाले एक सहकारी बैंक को जमीन अलॉट की गई है. इसके बाद ठाणे नगर निगम (टीएमसी) को दो महत्वपूर्ण प्लॉट हासिल हुए हैं. इसमें वडावली में एक कनवेंशन सेंटर के निर्माण के लिए दो हेक्टेयर से ज्यादा का प्लॉट दिया गया है. सरकार का कहना है कि इससे विकास के और रोजगार के अवसर पैदा होंगे और स्थानीय युवाओं के लिए कौशल विकास में मदद मिलेगी. ठाणे, सीएम शिंदे का गढ़ है और वह यहां से चार बार लगातार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं.
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इसके अलावा टीएमसी को कोलशेत में पांच हेक्टेयर का प्लॉट भी मुफ्त में दे दिया गया है. इस प्लॉट पर बर्ड पक्षीशाला और एनवॉयारमेंटल अवेयरनेस सेंटर बनाया जाना था. हालांकि, सरकारी सूत्रों ने इस प्रोजेक्ट की आवश्यकता पर सवाल भी उठाए थे. उनका कहना था कि बृहन्मुंबई नगर निगम पहले से ही भांडुप में एक पक्षीशाला का निर्माण कर रहा है. ऐसे में इसकी क्या जरूरत है. वहीं दूसरी ओर इन आवंटनों ने लोगों को हैरान कर दिया है. कुछ लोगों ने इसे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ठाणे से संबंध और विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा है.
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एक अलग फैसले में रामकृष्ण मिशन और मठ को आध्यात्मिक, सामाजिक, स्वास्थ्य, शैक्षिक और महिला सशक्तिकरण पहलों के लिए कावेसर में दो हेक्टेयर से ज्यादा का प्लॉट दिया गया है. यह प्लॉट संस्था को 25 जुलाई 2019 के सरकारी संकल्प के अनुसार 1 रुपये प्रति वर्ग मीटर की मामूली दर पर दी गई है. ये फैसले सोमवार को मुंबई जिला सहकारी बैंक को तीन एकड़ का सरकारी प्लॉट अलॉट करने के बाद लिए गए हैं. इसका नियंत्रण विधान परिषद के बीजेपी नेता प्रवीण दारेकेर के पास है, जिसका मकसद सहकारी भवन की स्थापना करना है. तेजी से हुए इस जमीन अलॉटमेंट ने सरकार की भूमि उपयोग नीतियों और उनके संभावित राजनीतिक हितों पर चर्चाओं को जन्म दिया है.