नागपुर-गोवा एक्सप्रेस वे पर अब राजनीति गर्माती जा रही है. मंगलवार को कोल्हापुर के डिस्ट्रिक्ट कलेक्ट्रेट के बाहर एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया. इसमें मांग की गई कि 802 किलोमीटर लंबे इस शक्तिपीठ प्रोजेक्ट को कैंसिल किया जाए. प्रदर्शनकारियों में काफी लोग शामिल थे जिसमें किसान भी थे जो कोल्हापुर और सांगली से आए थे. कहा जा रहा है कि हाइवे के लिए 8000 हेक्टेयर की जमीन को अधिग्रहीत किया जाएगा और इसे महाराष्ट्र के 12 ऐसे जिलों से जोड़ा जाएगा जो तीर्थस्थल हैं.
हाल ही में एक्सप्रेसवे के जमीन के अधिग्रहण के लिए दूसरी बार अधिसूचना जारी की गई है. इस अधिसूचना को राज्य सरकार की तरफ से जारी किया गया है. बताया जा रहा है कि हाइवे का निर्माण करीब 86,000 करोड़ रुपये के बजट से किया जाएगा. जिस प्रदर्शन रैली का आयोजन 18 जून को किया गया था, वह दसारा चौक से शुरू हुई थी और कलेक्टर ऑफिस पर जाकर खत्म हुई. एमएलजी सतेज पाटिल ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया और कहा कि जिले के करीब 89 फीसदी किसानों के पास दो एकड़ से भी कम खेती योग्य जमीन है जो उनके नाम पर है. अगर उस जमीन को भी सड़क के नाम पर उनसे ले लिया जाएगा तो फिर ये किसान कैसे जीवन-यापन करेंगे?
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उनका कहना था कि यह हाइवे लोगों पर थोपा गया जिसका मकसद ठेकेदारों और उन लोगों को फायदा पहुंचाना है जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड्स में निवेश किया था. किसी ने भी इस हाइवे की मांग नहीं की थी. अगर किसी को भी नागपुर से गोवा जल्दी पहुंचना होगा तो फिर वह फ्लाइट से भी ट्रैवल कर सकता है. उन्होंने आगे कहा, 'हम आज यह शपथ लेते हैं कि कोई भी हाइवे या लैंड रिकॉर्ड ऑफिशियल को हमारी जमीनों में दाखिल होने की मंजूरी नहीं दी जाएगी.' उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के विरोध की आग कोल्हापुर में जली थी और जल्द ही जंगल की आग की तरह 12 जिलों में फैल जाएगी. सरकार को इस हाइवे नोटिफिकेशन को कैंसिल करना ही पड़ेगा नहीं तो फिर प्रदर्शन को इस तरह से आगे बढ़ाया जाएगा कि राज्य सरकार इसे झेल नहीं पाएगी.
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किसान नेता और पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने भी कहा कि इस एक्सप्रेसवे को 12 जिलों पर थोप दिया गया है. उनका कहना था कि वर्तमान समय में नागपुर-रत्नागिरी नेशनल हाइवे पर ही कोई ट्रैफिक नहीं है तो फिर इसके बराबर में एक और एक्सप्रेव बनाने की क्या जरूरत है. उन्होंने कहा कि किसी भी श्रद्धालु ने शक्तिपीठ एक्सप्रेस वे की मांग नहीं की. उनका कहना था कि समृद्धि हाइवे न सिर्फ सरकार और ठेकेदारों को ही फायदा किया है. शेट्टी ने यह दावा भी किया कि इस एक्सप्रेव के बनने से कोल्हापुर और सांगली जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा.
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शिवसेना (उद्धव गुट) के विजय देवाने ने कहा कि इस एक्सप्रेस वे की वजह से अभी 12 सांसद चुनाव हारे हैं और अगर यह कैंसिल नहीं हुआ तो फिर आने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य के 72 विधायकों को भी शिकस्त का मुंह देखना पड़ेगा. प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने संरक्षक मंत्री हसन मुश्रीफ और कलेक्टर अमोल येडगे से मुलाकात की. उन्होंने शक्तिपीठ एक्सप्रेव को रद्द करने की मांग का एक लिखित बयान भी सौंपा. मुश्रीफ ने प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए कहा, 'मैं यह मांग सीएम एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस के सामने रखूंगा.'