अब नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे के विरोध में उतरे किसान, BJP के इस सांसद का भी मिला समर्थन 

अब नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे के विरोध में उतरे किसान, BJP के इस सांसद का भी मिला समर्थन 

शक्तिपीठ एक्‍सप्रेसवे महाराष्‍ट्र के 12 जिलों से होकर गुजरेगा. बताया जा रहा है कि इस हाइवे से राज्य के करीब 12589 किसानों को नुकसान होगा जिसमें बीड के परली चुनाव क्षेत्र के 700 किसान भी शामिल हैं. कहा जा रहा है कि राज्य की 27 हजार एकड़ जमीन इस हाईवे में चली जाएगी. मराठवाड़ा में प्रभावित कृषि भूमि कई सिंचाई नहरों, नदियों, कुओं, तालाबों की वजह से सिंचित और उपजाऊ है.

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अब नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे के विरोध में उतरे किसान, BJP के इस सांसद का भी मिला समर्थन  शक्तिपीठ एक्‍सप्रेसवे के विरोध में उतरे किसान

अब एक और हाइवे को लेकर किसानों का प्रदर्शन शुरू हो गया है. दिलचस्‍प बात है कि इस प्रदर्शन में उन्‍हें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद का साथ मिल रहा है. नागपुर-गोवा एक्‍सप्रेसवे  जिसे शक्तिपीठ हाइवे के तौर पर भी जाना जाता है, किसान उसके विरोध में उतर आए हैं. हाइवे को लेकर रज्यभर में किसानों ने आंदोलन किया. राज्य के कृषि मंत्री और बीड के पालकमंत्री धनंजय मुंडे के बीड में सोमवार को किसानों ने धरना लेते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बीजेपी के राज्‍यसभा सांसद अशोक चव्‍हाण भी प्रदर्शन में किसानों के साथ हैं. किसानों ने शक्तिपीठ हाइवे को रद्द करने की मांग करते हुए डिप्‍टी कलेक्‍टर को ज्ञापन दिया है. 

हजारों किसान होंगे प्रभावित 

यह हाइवे महाराष्‍ट्र के 12 जिलों से होकर गुजरेगा. बताया जा रहा है कि इस हाइवे से राज्य के करीब 12589 किसानों को नुकसान होगा जिसमें बीड के परली चुनाव क्षेत्र के 700 किसान भी शामिल हैं. कहा जा रहा है कि राज्य की 27 हजार एकड़ जमीन इस हाईवे में चली जाएगी. मराठवाड़ा में प्रभावित कृषि भूमि कई सिंचाई नहरों, नदियों, कुओं, तालाबों की वजह से सिंचित और उपजाऊ है. हजारों परिवारों की आजीविका इस प्रभावित भूमि पर हर निर्भर है. किसानों की मानें तो इस हाइवे की वजह से ये सभी प्राकृतिक या कृत्रिम संसाधन नष्‍ट हो जाएंगे. वहीं राजमार्ग के किनारे छोड़ी गई हजारों हेक्टेयर भूमि पानी की कमी के कारण बंजर या फिर सूखाग्रस्त है.

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हाइवे से बढ़ेगा आर्थिक संकट!  

किसानों की मानें तो इस राजमार्ग के कारण उन लोगों का जीवन मुश्किल हो जाएगा जो अपनी रोजाना की मजदूरी के लिए कृषि पर निर्भर हैं. ये वो किसान हैं जिनके पास पारंपरिक कृषि व्यवसाय है या उनके बच्चे पेशेवर रूप से किसी और व्यवसाय में काम नहीं कर सकते हैं. किसानों का कहना है कि अधिशेष के रूप में अर्जित आय भी घाटे में जा रही है.  हाइवे से प्रभावित किसानों को दोहरा नुकसान होगा. इस हाईवे में कई किसान भूमिहीन हैं और उन्हें पलायन करना पड़ता है और यह उनकी भी एक बड़ी समस्या है. 

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काटे जाएंगे करोड़ों पेड़? 

अखिल भारतीय किसान सभा बीड जिला अध्यक्ष के अजय बुरांडे ने कहा कि आज दुनियाभर में गर्मी बढ़ रही है और पेड़ों की कटाई इसके लिए जिम्‍मेदार है. इस राजमार्ग की वजह से करोड़ों पेड़ काटे जाएंगे जिससे पर्यावरण भी खराब होगा.  उनका कहना था कि इस राजमार्ग पर स्थित विभिन्न जिलों में गन्ना कारखाने या कृषि पर निर्भर अन्य उद्योग होने की संभावना है. कई और मसले भी हैं जो किसानों, कृषि पर निर्भर रोजगार और पर्यावरण को प्रभावित करने वाली हैं.

बुरांडे ने सवाल किया कि जब नागपुर-रत्‍नागिरी हाइवे इसके बराबर में ही है तो फिर इस सड़क की क्‍या जरूरत है. किसानों ने मराठवाड़ा के नागरिकों की ओर से सरकार से अनुरोध किया है कि वह इस तथ्य को गंभीरता से लेते हुए इस हाइवे को कैंसिल करे. प्रदर्शन के मौके पर अखिल भारतीय किसान सभा बीड जिला अध्यक्ष कॉमरेड अजय बुरांडे, एडवोकेट शिंदे, रवींद्र देवरवड़े सहित परली विधानसभा चुनाव क्षेत्र के प्रभावित किसानों ने भाग लिया. 


 
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