महाराष्ट्र के विवादास्पद कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे की किस्मत पर अगले हफ्ते फैसला हो सकता है. राज्य के डिप्टी चीफ मिनिस्टर अजित पवार ने एक बड़ा बयान दिया है. बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति गठबंधन में कृषि मंत्रालय संभाल रहे कोकाटे से पहले ही किसान और विपक्ष खासा नाराज है. कोकाटे पहले से ही किसानों को 'भिखारी' वाले बयान पर विवादों में घिरे थे. अब पिछले दिनों जब से उनका विधानसभा के अंदर ऑनलाइन रमी खेलने वाला वीडियो सामने आया है तब से नाराजगी और बढ़ गई है.
सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उनके सहयोगी शिवसेना के प्रमुख नेता एकनाथ शिंदे और एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार, मंत्रियों के आचरण के मुद्दे पर एकमत हैं. तीनों ने ही कोकाटे के आचरण पर सख्ती जताई है. माना जा रहा है कि तीनों ही इसे हल्के में लेने को तैयार नहीं है खासतौर पर तब जब राज्य में किसानों की आत्महत्या के नए मामले सामने आ रहे हैं. फडणवीस ने कोकाटे कृत्य और बयानों पर सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताई है. साथ ही शिंदे की भी आलोचना की है.
राज्य राकांपा अध्यक्ष और रायगढ़ से सांसद सुनील तटकरे ने कहा है कि कोकाटे पर कोई भी फैसला पवार लेंगे. वहीं इस मसले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पवार ने कहा कि वह अगले हफ्ते कोकाटे से मिलेंगे. उन्होंने गुरुवार को पत्रकारों से कहा, 'मैं अभी तक उनसे नहीं मिला हूं (उनके रमी खेलने का वीडियो वायरल होने के बाद) और अब अगले सोमवार को उनसे मिल सकता हूं. अगर नहीं तो मंगलवार को मैं उनकी बात सुनूंगा.' पवार ने कहा कि उन्हें जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार वीडियो विधानमंडल के अंदर का है. उन्होंने कहा, 'चूंकि विधान भवन परिसर अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और सभापति प्रो. राम शिंदे के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं. मेरी जानकारी यही तक हैं.'
महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे का रमी मोबाइल गेम वाला वीडियो सामने आने के बाद राज्य में नया बवाल खड़ा हो गया है. कोकाटे जहां विरोधियों के निशाने पर हैं तो दूसरी तरफ वह अपना बचाव भी कर रहे हैं. कोकाटे लगातार अपने बयानों की वजह से विवादों में रहे हैं. इस साल की शुरुआत में उन्होंने एक रुपये वाले फसल बीमा पर बयान दिया था कि भिखारी भी अब 1 रुपया नहीं लेता लेकिन सरकार किसानों को फसल बीमा के लिए उतना पैसा देती है. उन्होंने अपने इस बयान का बचाव पिछले दिनों सरकार को ही भिखारी बताकर किया. कोकाटे ने कहा, 'सरकार किसानों को 1 रुपया नहीं देती, बल्कि उनसे फसल बीमा के लिए 1 रुपया लेती है. तो भिखारी कौन है? सरकार भिखारी है, किसान नहीं. मेरे बयान को लोगों ने गलत समझा.'
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