महाराष्‍ट्र के कृषि मंत्री ने किसानों से मांगी माफी, योजनाओं के पैसों के इस्‍तेमाल को लेकर दिया विवादित बयान

महाराष्‍ट्र के कृषि मंत्री ने किसानों से मांगी माफी, योजनाओं के पैसों के इस्‍तेमाल को लेकर दिया विवादित बयान

रामनवमी के अवसर पर नासिक में कालाराम मंदिर में दर्शन करने के बाद कृ‍षि मंत्री ने किसानों पर दिए गए अपने विवादित बयान को लेकर कहा कि यह अनजाने में हुआ. अगर किसानों को बुरा लगा है और उनकी भावनाएं आहत हुई हों, तो मैं उनसे माफी मांगता हूं.

Manikrao KokateManikrao Kokate
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 07, 2025,
  • Updated Apr 07, 2025, 1:04 PM IST

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे का किसानों को लेकर आए दिन किसी न किसी तरह का विवादित बयान सामने आता रहता है. अब रविवार को उन्‍होंने अपने हाल ही में किसान पर योजनाओं से जुड़ी राशि के दुरुपयोग के आराेप लगाने वाले बयान पर खेद जताया और किसानों से माफी मांगी. कोकाटे ने कहा था कि किसान खेती की योजनाओं से मिलने वाले पैसों का इस्‍तेमाल खेती से जुड़ें कामों में नहीं करते हैं, बल्कि इन पैसों का इस्तेमाल सगाई और शादी जैसे समारोहों में करते हैं.

'भावनाएं आहत हुईं हों माफी मांगता हूं'

रामनवमी के अवसर पर नासिक में कालाराम मंदिर में दर्शन करने के बाद उन्होंने कहा कि यह अनजाने में हुआ. अगर किसानों को बुरा लगा है और उनकी भावनाएं आहत हुई हों, तो मैं उनसे माफी मांगता हूं. नासिक में सिन्नर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले एनसीपी सदस्‍य और कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले आठ दिनों में राज्य भर में बेमौसम बारिश के कारण किसान प्रभावित हुए हैं. सरकार ने अधिकारियों को फसल के नुकसान का आकलन करने के लिए तत्काल पंचनामा (सर्वे) करने का आदेश दिया है. 

किसानों को मुआवजा देगी सरकार

कोकाटे ने कहा कि राज्य सरकार निश्चित रूप से किसानों को मुआवजा देगी. मैंने किसानों की समृद्धि और खुशी के लिए भगवान राम से प्रार्थना की. शुक्रवार को नासिक जिले के कुछ गांवों के दौरे के दौरान, कोकाटे ने एक किसान द्वारा पूछे गए सवाल पर अपनी बात से पलटते हुए कहा कि क्या नियमित रूप से लोन चुकाने वाले किसानों को लोन माफी मिल सकती है. मंत्री ने पूछा कि लोन माफी मिलने के बाद आप पैसे का क्या करते हैं? क्या आप इसे खेती में निवेश करते हैं?

मंत्री ने की थे ये टिप्‍पणी

नासिक जिले में, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण प्याज और अंगूर जैसी फसलें प्रभावित हुई हैं. किसान 5-10 साल तक इंतजार करते हैं और लोन नहीं चुकाते हैं. सरकार आपको खेती में निवेश करने के लिए पैसा देगी. यह पैसा पानी की पाइपलाइन, सिंचाई और खेत के तालाबों के लिए है. सरकार पूंजी निवेश करती है. क्या किसान ऐसा निवेश करते हैं? कोकाटे ने दावा किया, "किसानों का कहना है कि उन्हें फसल बीमा का पैसा चाहिए, लेकिन वे इसे सगाई समारोहों और शादियों में खर्च करते हैं."

इस पर राज्य कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने शनिवार को मंत्री पर किसानों का अपमान करने का आरोप लगाया और उन्हें मंत्रिमंडल से निष्कासित करने की मांग की. "क्या सरकार किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करके कोई उपकार कर रही है? उन्होंने कहा, ‘‘यह जनता का पैसा है, मणिकराव कोकाटे के परिवार का नहीं.’’

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