38 गांव के 1 लाख लोगों ने सामूहिक रूप से किया लोकसभा चुनाव का बहिष्कार, इस मांग को लेकर अड़े

38 गांव के 1 लाख लोगों ने सामूहिक रूप से किया लोकसभा चुनाव का बहिष्कार, इस मांग को लेकर अड़े

गुजरात के भरूच जिले के 38 गांवों के किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं. मुआवजा न मिलने से फिलहाल 38 गांवों के 1 लाख से ज्यादा किसानों ने आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करने का फैसला किया है.

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क‍िसान तक
  • Bharuch,
  • Mar 06, 2024,
  • Updated Mar 06, 2024, 12:42 PM IST

भरूच जिले में एक्सप्रेस-वे, बुलेट ट्रेन, भादभूत बैराज योजना के निर्माण में अपनी जमीन गंवाने वाले किसान लंबे समय से मुआवजा राशि के लिए आंदोलन की राह पर हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समेत सरकार को कई बार ज्ञापन देने के बावजूद कोई नतीजा नहीं निकलने पर आखिरकार किसानों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का बिगुल फूंक दिया है. किसानों ने मंगलवार जिला कलेक्टर कार्यालय पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया.

भरूच जिले में केंद्र और राज्य सरकार की अलग-अलग परियोजनाएं चल रही हैं, जिसमें बुलेट ट्रेन, भूत बैराज योजना और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे प्रमुख हैं. अन्य जिलों में बुलेट ट्रेन और एक्सप्रेस वे में अपनी जमीन गंवाने वाले किसानों को सरकार ने अच्छा मुआवजा दिया है. लेकिन भरूच के किसानों को कम मुआवजा मिला है.

किसानों की मुआवजे की मांग

पिछले 4 साल से भरूच जिले के 38 गांवों के किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं. इतने वर्षों में वह 55 बार जिलाधिकारी को ज्ञापन दे चुके हैं.इसके अलावा वह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल समेत स्थानीय नेताओं से लगातार मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन सरकार उनकी बातों पर विचार नहीं करती. किसानों की बात नहीं सुनी जा रही तो उन्होंने अहिंसक आंदोलन की राह पकड़ ली है. आज 300 से अधिक किसान जिला कलेक्टर कार्यालय में एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन किया.

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भजन और रामधुन के साथ प्रदर्शन

किसानों ने राज्य सरकार और जिला कलेक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं. महिलाओं ने हाथों में घुघरा और थाली वेलन लेकर भजनों के साथ रामधुन भी गाया. महिलाओं ने आक्रोश के साथ कहा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है. हम जिलाधिकारी तक अपनी बात पहुंचाने के लिए इस तरह से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

1 लाख किसान नहीं करेंगे मतदान

विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि आसपास के जिलों के किसानों को उचित मुआवजा दिया गया है. इसी तरह भरूच के किसान भी मुआवजे के हकदार हैं. इसके अलावा अन्य परियोजनाओं में किसानों के साथ अन्याय किया गया है. अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो हम आंदोलन जारी रखेंगे. फिलहाल 38 गांवों के 1 लाख से ज्यादा किसानों ने आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करने का फैसला किया है. (गौतम डोडीआ की रिपोर्ट)

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