भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बुधवार को लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट भी जारी कर दी है. इस लिस्ट में 72 नाम हैं और इसमें से एक नाम यदुवीर वाडियार का भी है. जो लोग यदुवीर वाडिया को नहीं जानते हैं, उनकी जानकारी के लिए बता दें कि यदुवीर कोई आम इंसान नहीं हैं. बल्कि वह मैसूरु के पूर्व शाही परिवार से आते हैं और फिलहाल वह इस राजवंश के 'महाराजा' के तौर पर मशहूर हैं. यदुवीर को टिकट मिलेगा इस बात पर पिछले काफी समय से अटकलें थीं. दूसरी लिस्ट में उन अटकलों की आधिकारिक पुष्टि हो गई.
कर्नाटक के एक पूर्व शाही मैसूरु परिवार के वंशज यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार को मैसूरु-कोडगु से टिकट मिला है. 32 साल के यदुवीर, जयरामचंद्र वाडियार के पोते हैं, जो मैसुरु के 25वें और आखिरी शासक महाराजा थे. प्रोमोदा देवी वाडियार, जो यदुवीर के चाचा श्रीकांतदत्ता वाडियार की पत्नी हैं, ने उन्हें गोद लिया और उनके पालन-पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यदुवीर ने अपनी स्कूली शिक्षा बेंगलुरु के विद्यानिकेतन स्कूल से पूरी की. इसके बाद हायर स्टडीज के लिए वह अमेरिका के मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी चले गए. यदुवीर के पास अंग्रेजी साहित्य और अर्थशास्त्र में डिग्री है.
यदुवीर के लिए चुनाव लड़ने का यह पहला मौका है और बीजेपी ने उन्हें महत्वपूर्ण मैसूर क्षेत्र से मैदान में उतारने का फैसला किया है. इस क्षेत्र में शाही परिवार को प्रतिष्ठा हासिल है और उसका काफी दबदबा है. यदुवीर के चाचा श्रीकांतदत्त वाडियार भी पहले कांग्रेस के टिकट पर मैसूर से चुनाव लड़े थे और उसी लोकसभा सीट से चार बार जीते थे. हालांकि सन् 1991 में जब उन्होंने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा तो वह हार गए.
साल 2003 में भी वह कांग्रेस के टिकट पर दोबारा चुनाव हारे. मैसूर-कोडगु की सीट से सांसद प्रताप सिम्हा इस क्षेत्र में अपनी सीट नहीं बचा सके. सिम्हा, जो पिछले साल नई दिल्ली में संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना के बाद चर्चा में थे, उन्हें अपनी सीट बरकरार रहने की उम्मीद थी क्योंकि उन्हें अपने क्षेत्र के लिए किए गए काम पर भरोसा था. लिस्ट की घोषणा के बाद सिम्हा ने कहा कि उन्होंने यदुवीर को फोन किया और उन्हें बधाई दी. उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर लिखा, 'मैंने यदुवीर को अपनी शुभकामनाएं दीं, जो मैसूरु-कोडगु से चुनाव लड़ेंगे. मैं अगले दो दिनों में बीजेपी के लिए प्रचार शुरू करूंगा.'