क्‍यों पीएम मोदी ने सुषमा स्‍वराज की बेटी बांसुरी को दिया लोकसभा चुनाव का टिकट, जानिए क्‍या है गणित 

क्‍यों पीएम मोदी ने सुषमा स्‍वराज की बेटी बांसुरी को दिया लोकसभा चुनाव का टिकट, जानिए क्‍या है गणित 

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक हफ्ते पहले लोकसभा चुनावों के लिए उम्‍मीदवारों की पहली लिस्‍ट जारी की. 195 नामों वाली इस लिस्‍ट में दिवंगत नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज की बेटी बांसुरी का था. 40 साल की बांसुरी नई दिल्‍ली से बीजेपी की उम्‍मीदवार हैं.

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Mar 09, 2024,
  • Updated Mar 09, 2024, 7:13 PM IST

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक हफ्ते पहले लोकसभा चुनावों के लिए उम्‍मीदवारों की पहली लिस्‍ट जारी की. 195 नामों वाली इस लिस्‍ट में दिवंगत नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज की बेटी बांसुरी का था. 40 साल की बांसुरी नई दिल्‍ली से बीजेपी की उम्‍मीदवार हैं. अपनी मां के राजनीतिक करियर को करीब से देखने वाली बांसुरी ने टिकट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी को धन्‍यवाद कहा. बांसुरी को टिकट मिलने पर कई राजनीतिक विशेषज्ञों ने हैरानी जताई और इसे एक चौंकाने वाला कदम भी करार दिया. 

कई लोगों को हुई हैरानी! 

इंडियन एक्‍सप्रेस में लिखे अपने कॉलम में नीरजा चौधरी ने लिखा कि बांसुरी के लिए कई बार सुषमा स्‍वराज ने पार्टी की मीटिंग छोड़ी ताकि वह उन्‍हें स्‍कूल के लिए बस में बैठा सकें और जब बांसुरी स्‍कूल से लौंटे तो मां घर पर रहें. उनकी मानें तो बांसुरी को टिकट मिलने से कई लोगों को आश्चर्य है जिनमें बीजेपी के ही कई लोग शामिल हैं.

उनकी मानें तो हैरानी सिर्फ इसलिए नहीं है क्‍योंकि वह राजनीति में काफी नई हैं बल्कि इसलिए भी है क्‍योंकि शीर्ष नेताओं ने हाई-प्रोफाइल नई दिल्ली सीट के लिए एक नौसिखिये को टिकट देने का फैसला किया. नीरजा की मानें तो सुषमा, लालकृष्ण आडवाणी की शिष्या थीं और उन्‍होंने साल 2014 में नरेंद्र मोदी को पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने का विरोध किया था. 

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क्‍या है टिकट के पीछे का खेल

बीजेपी नेतृत्‍व मीनाक्षी लेखी से खुश नहीं है. मीनाक्षी ने साल 2014 और 2019 में दो बार अपनी सीट से बड़ी जीत हासिल की है. लेकिन इसके बाद भी वह नई दिल्ली में जमीन खोती हुई नजर आ रही थीं. साल 2024 के चुनावों में महिलाओं का वोट निर्णायक भूमिका निभाने वाला है. पीएम मोदी खुद हर बार 'नारी शक्ति' को जोर-शोर से रेखांकित करते हैं. वहीं बीजेपी यह भी जानती थी कि प्रतिष्ठित सीट पर लेखी की जगह एक साथी महिला नेता को चुनने में सावधानी बरतनी होगी. 

कमियों को दूर करने की कोशिश 

दिल्ली में, बीजेपी ने अब तक जिन सीटों के लिए टिकटों की घोषणा की है, उनमें से पांच मौजूदा बीजेपी सांसदों में से चार को टिकट मिला है. जबकि दो नाम अभी अटके हैं. बीजेपी ने साल 2019 में हुए चुनावों में सभी सात सीटें जीती थीं. यह देखते हुए कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दिल्ली में एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं और यह एक मजबूत गठबंधन है, बीजेपी किसी भी तरह की खामियों को रास्‍ते में बाधा नहीं बनने देना चाहती है. 

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भारती को हराने की रणनीति 

बांसुरी को टिकट देने से यह बात साफ हो जाती है कि पार्टी ने  राजधानी में चुनाव के लिए माहौल तैयार कर दिया है. बांसुरी के सामने नई दिल्‍ली सीट पर आप पार्टी के सोमनाथ भारती प्रतिद्वंदी के तौर पर होंगे. भारती इस सीट के मजबूत दावेदार हैं. अगर बांसुरी उन्‍हें हरा देती तो वह खुद को एक मजबूत विजेता के तौर पर स्थापित कर लेंगी. बांसुरी की जीत को आप पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के लिए एक बड़ी चुनौती के तौर पर भी देखा जाएगा. केजरीवाल, नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. 

अब तक, बांसुरी ने टीवी पर पार्टी की ओर से रखे गए रुख में अपने आत्मविश्वास और स्पष्टता को साबित किया है और सबको प्रभावित भी किया है. जो लोग अभी तक सुषमा के बोलने की कला को याद करते हैं, वे आसानी से बांसुरी के साथ एक आसान रिश्ता बना लेंगे. 

 

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