पंजाब में लैंड पूलिंग के खिलाफ लामबंद हुए किसान, ट्रैक्टर रैली निकाल कर जताया विरोध

पंजाब में लैंड पूलिंग के खिलाफ लामबंद हुए किसान, ट्रैक्टर रैली निकाल कर जताया विरोध

पंजाब में किसानों ने लैंड पूलिंग योजना के खिलाफ ट्रैक्टर रैली निकाली. बीकेयू (एकता-उग्राहण) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने सरकार से अपील की कि वे गांवों में जाकर किसानों को योजना की जानकारी दें.

Farmers took out tractor march against land poolingFarmers took out tractor march against land pooling
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 30, 2025,
  • Updated Jul 30, 2025, 4:43 PM IST

पंजाब में किसान संगठनों ने लैंड पूलिंग नीति के खिलाफ ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में बुधवार को राज्य के विभिन्न गांवों में ट्रैक्टर रैलियां निकाली गईं. किसानों का कहना है कि यह योजना उनकी ज़मीनें छीनने की कोशिश है. पंजाब सरकार ने 21 शहरों और कस्बों में 65,533 एकड़ ज़मीन अधिग्रहित करने की योजना बनाई है, जिसमें 24,311 एकड़ रिहायशी और 21,550 एकड़ औद्योगिक विकास के लिए ली जाएगी. सबसे ज़्यादा ज़मीन लुधियाना के 40 गांवों से ली जाएगी. योजना के तहत, एक एकड़ ज़मीन देने पर ज़मीन मालिक को विकसित क्षेत्र में 1,000 वर्ग गज रिहायशी और 200 वर्ग गज व्यावसायिक प्लॉट दिए जाएंगे.

अब तक कितने जमीन मालिक जुड़े?

इस योजना की शुरुआत 2 जून को हुई थी और यह 30 सितंबर तक खुली है. लेकिन अब तक केवल 115 ज़मीन मालिक ही इससे जुड़ पाए हैं, जिनमें 15 लुधियाना से और लगभग 100 मोहाली से हैं. यह आंकड़ा सरकार की नीति पर किसानों के अविश्वास को दर्शाता है.

जोगिंदर सिंह उगराहां की सलाह

भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्राहण) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि सरकार को सिर्फ़ किसान नेताओं से बातचीत करने की बजाय गांवों में जाकर आम किसानों को समझाना चाहिए. उन्होंने कहा: “अगर यह योजना किसानों के हक़ में है, तो लोग खुद सरकार के पास आएंगे. लेकिन अगर वे संतुष्ट नहीं हैं, तो सरकार को गांव-गांव जाकर सही जानकारी देनी चाहिए.”

उन्होंने केंद्र सरकार की तीन कृषि क़ानूनों का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे मोदी सरकार ने भी उन क़ानूनों को किसानों के हित में बताया था, लेकिन बाद में उन्हें वापस लेना पड़ा.

सरकारी कर्मचारियों की एंट्री बंद

संगरूर ज़िले के सोहियां गांव से शुरू हुई ट्रैक्टर रैली के दौरान, गांववालों ने सरकारी कर्मचारियों की एंट्री पर रोक लगाने वाला पोस्टर लगा दिया. यह किसानों की नाराजगी को दर्शाता है.

विपक्षी दलों की आलोचना

कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी जैसी विपक्षी पार्टियां इस योजना को "किसानों की ज़मीन लूटने की साज़िश" बता रही हैं. वहीं, आप सरकार का कहना है कि ये पार्टियां झूठा प्रचार कर रही हैं.

बात-चीत ही समाधान

लैंड पूलिंग योजना पर विवाद बढ़ता जा रहा है. सरकार का दावा है कि ज़मीन बलपूर्वक नहीं ली जाएगी, लेकिन विश्वास की कमी के कारण किसान अभी तक इससे जुड़ने में हिचकिचा रहे हैं. सरकार को चाहिए कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को सही और पूरी जानकारी दे, जिससे वे स्वयं निर्णय ले सकें.

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