हरियाणा की मंडियों में खरीफ फसलों की एमएसपी पर खरीद के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है, क्योंकि किसान लगातार अपनी उपज लेकर मंडी पहुंच रहे हैं. इस बीच, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी से वंचित किया जा रहा है. इस समय मंडियों में धान, बाजरा और कपास की आवक शुरू हो चुकी है, लेकिन सरकारी खरीद न होने की वजह से किसान मजबूरी में अपनी फसल औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं.
दि ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व सीएम ने कहा कि मंडियों में किसानों को मिल रहा भाव एमएसपी से काफी कम हैं, जो किसानों के साथ अन्याय है. उन्हाेंने कहा कि हाल ही में आई बाढ़ से तबाह हुए किसानों को अब सरकार की लापरवाह नीतियों का दूसरा झटका झेलना पड़ रहा है.
वहीं, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए हुड्डा ने कहा कि लोकतंत्र में हर दल को राजनीति करने और कार्यक्रम आयोजित करने का अधिकार है. लेकिन, सामान्यत: पार्टियां अपनी उपलब्धियों के आधार पर जनता के बीच जाती हैं. बीजेपी और इनेलो इस मामले में अलग दिखाई देती हैं, क्योंकि इनके पास दिखाने के लिए कोई ठोस उपलब्धि नहीं है.
हुड्डा ने कहा कि इनेलो बीजेपी के एजेंट की तरह काम करती है. बीजेपी सीधे कांग्रेस का मुकाबला करने से बचती है और जनता को गुमराह करने के लिए इनेलो और जेजेपी जैसी पार्टियों का सहारा लेती है. हुड्डा ने दोनों दलों को किसानों का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए कहा कि इनेलो शासन में किसानों पर गोलियां चलाई गईं, कर्जदार किसानों की जमीनें कुर्क की गईं और उन्हें जेल में डाल दिया गया. इतना ही नहीं, जेल में परोसे गए भोजन का खर्च भी किसानों के कर्ज में जोड़ दिया गया.
उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता आज भी याद करती है कि इनेलो-बीजेपी की सरकार के दौर में गुंडागर्दी चरम पर थी और सरकार जेल से चलती थी. हुड्डा ने दावा किया कि 2005 में कांग्रेस सरकार के आने के बाद ही प्रदेश को भय और डर के उस माहौल से मुक्ति मिली. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने किसानों के हितों की रक्षा की, जबकि बीजेपी और इनेलो ने हमेशा उन्हें नुकसान पहुंचाने का काम किया.