सोनीपत में किसानों ने निकाला रोष मार्च, 12 सूत्रीय मांगों को लेकर सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

सोनीपत में किसानों ने निकाला रोष मार्च, 12 सूत्रीय मांगों को लेकर सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

सोनीपत में किसानों ने छोटूराम धर्मशाला से लघु सचिवालय तक रोष मार्च निकालकर 12 सूत्रीय मांगों को लेकर महापंचायत की. किसानों ने डीसी सुशील सारवान के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

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पवन राठी
  • Sonipat,
  • Sep 19, 2025,
  • Updated Sep 19, 2025, 12:09 PM IST

हरियाणा में किसान अपनी मांगों को लेकर लगातार सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं. सोनीपत में गुरुवार को किसानों ने छोटूराम धर्मशाला से लघु सचिवालय तक रोष मार्च निकाला और उसके बाद धरना स्थल पर महापंचायत का आयोजन किया. महापंचायत के बाद किसानों ने जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर की सोनीपत जिला कमेटी की इस पंचायत की अगुवाई युवा किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ और वीरेंद्र पहल ने की. महापंचायत में किसानों ने 12 सूत्रीय मांगों पर चर्चा की और सरकार से इनका समाधान करने की अपील की.

किसानों की प्रमुख मांगें

  • IMT के विस्तार या निर्माण के लिए किसानों की सहमति के बिना जमीन का अधिग्रहण न किया जाए.
  • पूरे प्रदेश में धान, बाजरा और नरमे की MSP पर खरीद शुरू की जाए.
  • सोनीपत शुगर मिल का टेंडर जल्द कराकर मरम्मत शुरू हो ताकि मिल 5 नवंबर से चालू हो सके.
  • बारिश से खराब हुई फसलों का 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए.
  • यमुना किनारे बाढ़ और कटाव से प्रभावित फसलों का मुआवजा दिया जाए और बेगा गांव की ठोकर नंबर 9 का रास्ता बनवाया जाए.
  • हाईटेंशन लाइन मुआवजा नीति पारदर्शिता से लागू की जाए और ग्रामीण इलाकों में ‘Right of Way’ के लिए मार्केट वैल्यू का कम से कम 60% मुआवजा दिया जाए.
  • सरसों-गेहूं की बुवाई से पहले डीएपी का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित किया जाए और किसानों पर जबरदस्ती नैनो-यूरिया और दवाइयां न थोपी जाएं.
  • तहसीलों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए.
  • KMP के लिए अधिग्रहित जमीन का बकाया बढ़ा हुआ मुआवजा तुरंत जारी किया जाए.
  • स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर किसानों और उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ न डाला जाए.
  • सोहटी और निजामपुर गांवों के रिहायशी इलाकों से दूर हाईटेंशन तार निकाले जाएं.
  • प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को पारदर्शी और समय पर मुआवजा दिया जाए.

महापंचायत के बाद किसान नेता जिला उपायुक्त सुशील सारवान से मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपा. डीसी ने किसानों को आश्वासन दिया कि सभी मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा और बारिश से हुए नुकसान का मुआवजा पोर्टल पर दर्ज करने के बाद समय पर दिया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट की टिप्‍प्‍णी पर कोहाड़ ने कही ये बात

वहीं, बीते दिन कई किसानों और किसान नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट की पराली जलाने वाले कुछ किसानों को गिरफ्तार करने के सुझाव वाले बयान आपत्ति जताई और उनके पुराने फैसलों का जिक्र किया, जिन्‍हें सरकारों ने लागू नहीं किया. किसान नेता अभिमन्यु कोहाड ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद भी किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल बोनस नहीं दिया गया और आज कोर्ट ने फिर एक टिप्पणी की जो हमें लगता है कि न्यायसंगत नहीं है.

उन्होंने आगे कहा कि NGT ने भी कहा है कि पराली के मैनेजमेंट के लिए जो मशीनें हैं उनपर भी राज्य सरकारों को सब्सिडी देनी चाहिए. इसके अलावा 2 एकड़ तक के किसानों को मशीनें फ्री में उपलब्ध कराई जाएं, 2-5 एकड़ वाले किसानों के लिए 5 हजार रुपये और 5 एकड़ से अधिक जोत वाले किसानों को 15 हजार रुपये की मदद दी जाए. इसके बाद भी कोई किसान पराली जलाता है तो उस पर मुकदमा होना चाहिए. 

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