बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, सरकार की तरफ से हर दिन विकास से जुड़ी योजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण बढ़ता जा रहा है. इसी सिलसिले में में सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना से पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की 839 करोड़ रुपये से ज्यादा लागत वाली योजनाओं का रिमोट से शिलान्यास और उद्घाटन किया. यह दिन पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए खास रहा, जहां मुख्यमंत्री ने कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र, पशु चिकित्सालय, प्रशिक्षण केंद्र, दुग्ध उत्पाद निर्माण संयंत्र और पंचायत व प्रखंड स्तर के मछली बाजार जैसी कई योजनाओं का उद्घाटन किया.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में 143 करोड़ रुपये से बने 13 भवन, 116 करोड़ 52 लाख रुपये की लागत से 27 योजनाओं से जुड़े राज्य और जिला स्तर के संसाधन व प्रशिक्षण केंद्र और पशु चिकित्सालय, 7 करोड़ 7 लाख रुपये की लागत से पूर्णिया में कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र और दुग्ध उत्पाद निर्माण संयंत्र का विस्तार, गया में प्रशिक्षण केंद्र और 1 करोड़ 6 लाख रुपये की लागत से किशनगंज, बांका और पूर्णिया जिले में 5 मछली बाजार समेत कुल 282 करोड़ 65 लाख रुपये की योजनाओं का उद्घाटन किया.
इसके अलावा 279 करोड़ 14 लाख रुपये की लागत से कॉम्फेड के तहत डेयरी, दूध पाउडर और दही संयंत्र, पटना में केंद्रीकृत कंट्रोल और कमांड सेंटर, 246 करोड़ 6 लाख रुपये की लागत से पशु चिकित्सालय, जिला स्तर के प्रशिक्षण केंद्र, गोट सीमेन स्टेशन (टेकुना, गया) और बिहार पशु चिकित्सा परिषद का प्रशासनिक भवन सहित कुल 25 योजनाओं का शिलान्यास किया गया. वहीं 44 करोड़ 46 लाख रुपये की लागत से 11 जिलों में पंचायत और प्रखंड स्तर पर मछली बाजार और बाकी फिशरीज संसाधन संरचनाओं का शिलान्यास भी हुआ.
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना का परिसर पूरी तरह सुरक्षित होना चाहिए. इसके लिए चारदीवारी की ऊंचाई बढ़ाई जाए. नए भवनों पर पर्याप्त संख्या में सोलर पैनल लगाकर रोशनी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. साथ ही, ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाकर परिसर को हरा-भरा बनाया जाए. कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी, भवन निर्माण मंत्री जयंत राज, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, विकास आयुक्त डॉ. एस. सिद्धार्थ, विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. एन. विजयालक्ष्मी और विश्वविद्यालय के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
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