कमलनाथ का MP सरकार पर हमला: “बीजेपी किसानों से किए MSP वादे से पीछे हट रही है”

कमलनाथ का MP सरकार पर हमला: “बीजेपी किसानों से किए MSP वादे से पीछे हट रही है”

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री मोहन यादव सरकार पर आरोप लगाया कि उसने धान और गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद से पीछे हटकर किसानों को संकट में डाल दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने चुनावी वादा तोड़कर किसानों को निजी व्यापारियों के भरोसे छोड़ दिया है.

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क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Nov 05, 2025,
  • Updated Nov 05, 2025, 3:45 PM IST

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर कांग्रेस नेता कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने किसानों के मुद्दे को उठाते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी सरकार पर निशाना साधा है. अपने एक बयान में कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि किसानों पर केंद्रित जिस चुनावी वादे पर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार जीत कर आई, अब उसी वादे से मुकर रही है. कमलनाथ का आरोप है कि मध्य प्रदेश सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से धान और गेहूं खरीदने से पीछे हट रही है.

MSP से मुकरने का आरोप

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखे एक पोस्ट में कमलनाथ कहते हैं, प्रदेश की बीजेपी सरकार ने प्रदेश के करोड़ों किसानों को गंभीर संकट में धकेलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जिस बीजेपी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश के किसानों से गेहूं और धान का बढ़ा हुआ न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने का चुनावी वादा किया था, अब वही बीजेपी सरकार MSP पर गेहूं और धान की खरीदी करने की प्रक्रिया से हाथ पीछे खींच रही है.

कमलनाथ ने लिखा है, सच्चाई यह है कि मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं और धान की सरकारी खरीदी करने से हाथ खड़े कर दिए हैं. नागरिक आपूर्ति निगम (नान) पर चढ़े 77,000 करोड़ रुपये के भारी-भरकम कर्ज का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से FCI के माध्यम से सीधे धान और गेहूं खरीदने का अनुरोध किया है. इसके लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखा है.

सस्ते में उपज खरीदते हैं व्यापारी

FCI की खरीद प्रक्रिया के अत्यंत जटिल होने के कारण बड़ी संख्या में किसानों की उपज रिजेक्ट हो सकती है और उन्हें अपनी मेहनत की कमाई औने-पौने दामों पर निजी व्यापारियों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है. 

सीधी बात यह है कि मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार एक-एक कर किसानों के खिलाफ कदम उठाती जा रही है. ध्यान से देखें तो खाद और बीज के लिए किसानों का बराबर परेशान होते रहना प्रदेश की स्थायी तस्वीर बन गई है. इसी तरह मूंग की खरीद के समय सरकार ने जानबूझकर प्रदेश के मूंग को जहरीला साबित करने का षड्यंत्र रचा और लंबे समय तक केंद्र सरकार को खरीदी को लेकर कोई लक्ष्य नहीं भेजा.

'BJP ने कर्ज माफ भी नहीं किया'

अपने पोस्ट में कमलनाथ ने कहा, सभी को अच्छी तरह याद होगा मेरे नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ कर दिया था लेकिन बीजेपी सरकार बनते ही कर्ज माफी की प्रक्रिया बंद कर दी गई.

इस तरह अब स्पष्ट होता जा रहा है कि बीजेपी चाहती है कि प्रदेश का किसान पूरी तरह बदहाल हो जाए और खेती से पीछे हट जाए. ऐसे में बीजेपी उसकी जमीन हड़प ले और उसका मनचाहा उपयोग करे. बीजेपी की मानसिकता अंग्रेजी राज की मानसिकता से भी ज्यादा खतरनाक और किसान विरोधी है.

कमलनाथ ने कहा, मैं सरकार से मांग करता हूं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की प्रक्रिया में कोई बदलाव न किया जाए, इससे प्रदेश के करोड़ों किसान संकट में पड़ जाएंगे.

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