राजस्थान में ज्वार और बाजारा की सरकारी खरीद को लेकर मुद्दा तूल पकड़े हुए है. दरअसल, न्यनूतम समर्थन मूल्य पर फसल की खरीद नहीं होने को लेकर कुछ किसान संगठनों की नाराजगी के बाद अब राज्य में सियासी पारा चढ़ गया है. दरअसल, भजनलाल सरकार ने एक सवाल के जवाब में विधानसभा में कहा कि वह इस साल एमएसपी पर बाजरा की खरीद नहीं करेगी. जबकि, चुनावी संकल्प पत्र में इसका वादा किया गया था. इस पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान सरकार को आड़े हाथों लेते भाजपा पर चुनावी वादों से मुकरने और किसानों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है.
भाजपा ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान अपने संकल्प पत्र में ज्वार और बाजरा की फसल को एमएसपी पर खरीदने का वादा किया था. लेकिन, अब विधानसभा में राज्य की भजन लाल सरकार ने एमएसपी पर खरीद से इनकार किया है. दरअसल, राजस्थान सरकार केंद्र से बजट की मांग की थी, लेकिन, नवंबर 2024 में खबर सामने आई कि केंद्र से ज्वार और बाजरा की एमएसपी पर खरीद के लिए बजट नहीं मिला है. इसके बाद हाल ही में राजस्थान सरकार ने विधासनभा में एमएसपी पर खरीद नहीं करने की बात कही है.
अब सरकार में इसको लेकर सियासी पारा गरमा गया है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ज्वार और बाजरा की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं करने को लेकर बुधवार को राज्य सरकार पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा नीत सरकार न तो योजनाओं को जारी रख पा रही है और न ही अपने वादों को पूरा कर पा रही है. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान मोदी की गारंटी के नाम पर भाजपा ने अपने घोषणापत्र में पेज नंबर 20 पर वादा किया था कि अगर राजस्थान में सरकार आती है तो ज्वार और बाजरा को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा. लेकिन विधानसभा में एक सवाल के जवाब में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि राजस्थान सरकार बाजरा को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदेगी.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार पहले ही किसानों को 12,000 रुपये प्रति वर्ष किसान सम्मान निधि देने, 2,700 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं खरीदने जैसे वादों से मुकर चुकी है. अब किसानों के साथ धोखाधड़ी कर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा खरीदने का झूठ उजागर हो गया है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री और पूरी भाजपा हर भाषण में 'मोदी की गारंटी' की बात करते थे, लेकिन अब यह गारंटी महज नारा साबित हो रही है. क्योंकि, यह सरकार न तो हमारी योजनाओं को जारी रख पा रही है और न ही अपने वादों को पूरा कर पा रही है.
केंद्र सरकार ने बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी 2625 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है. जबकि, केंद्र सरकार ने ज्वार हाइब्रिड के लिए 3371 रुपये प्रति क्विंटल और ज्वार मालदंडी के लिए 3421 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. बता दें कि राजस्थान के पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में एमएसपी पर ज्वार और बाजरा की खरीद की गई है.