डल्लेवाल को कुछ हुआ तो हालात को काबू नहीं कर पाएगी सरकार, किसान नेताओं ने दी धमकी

डल्लेवाल को कुछ हुआ तो हालात को काबू नहीं कर पाएगी सरकार, किसान नेताओं ने दी धमकी

किसान नेता डल्लेवाल किसानों की अलग-अलग मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर हैं, जिसमें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी भी शामिल है. डल्लेवाल का आमरण अनशन मंगलवार को 43वें दिन में प्रवेश कर गया.उन्होंने अब तक कोई भी मेडिकल मदद लेने से इनकार कर दिया है.

Jagjit Singh DallewalJagjit Singh Dallewal
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 08, 2025,
  • Updated Jan 08, 2025, 11:42 AM IST

पंजाब के किसान नेताओं ने मंगलवार को कहा कि अगर आमरण अनशन पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ कुछ अनहोनी होती है, तो उसके बाद पनपने वाली स्थिति को केंद्र संभाल नहीं पाएगा. किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने जोर देकर कहा कि केंद्र को किसानों के मुद्दों को गंभीरता से हल करना चाहिए. किसानों के अनुसार, डल्लेवाल की तबीयत हर गुजरते दिन के साथ "बिगड़ती" जा रही है और "उनके साथ कुछ भी हो सकता है". संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक 70 वर्षीय डल्लेवाल फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित किसानों की अलग-अलग मांगों को लेकर 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं.

डल्लेवाल किसानों की अलग-अलग मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर हैं, जिसमें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी भी शामिल है. डल्लेवाल का आमरण अनशन मंगलवार को 43वें दिन में प्रवेश कर गया.उन्होंने अब तक कोई भी मेडिकल मदद लेने से इनकार कर दिया है. मीडिया से बात करते हुए एनजीओ '5 रिवर्स हार्ट एसोसिएशन' की टीम में शामिल डॉ. अवतार सिंह ने बताया कि सोमवार शाम को डल्लेवाल की हालत बिगड़ गई. डॉक्टर ने बताया कि उनका ब्लड प्रेशन गिर गया और बिस्तर पर लेटे-लेटे ही उन्हें उल्टी होने लगी. 

क्या कहा किसान नेता ने?

उन्होंने बताया कि उनकी हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है और उन्हें कुछ भी हो सकता है. इस बीच, सरकारी डॉक्टरों की एक टीम ने खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल की जांच भी की. किसानों ने बताया कि मंगलवार को डल्लेवाल की हालत गंभीर बनी रही और वह किसी से बात नहीं कर पा रहे थे.

किसान नेता कोहाड़ ने कहा, "भगवान न करे अगर डल्लेवाल जी के साथ कुछ अनहोनी हो जाए तो शायद स्थिति केंद्र सरकार के काबू में न रहे." उन्होंने कहा कि केंद्र को प्रयास करना चाहिए कि स्थिति उस स्तर तक न पहुंचे. कोहाड़ ने कहा, "अगर डल्लेवाल को कुछ हो गया तो केंद्र की मौजूदा सरकार के कार्यकाल पर एक ऐसा 'कलंक' लग जाएगा जो शायद कभी धुल न पाए." उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा तो ब्रिटिश राज में भी नहीं हुआ कि कोई व्यक्ति आमरण अनशन पर बैठा हो और सरकार उस पर कोई ध्यान न दे.

डल्लेवाल की हालत नाजुक

अगले विरोध प्रदर्शन के बारे में बोलते हुए कोहाड़ ने कहा कि किसानों की मांगों के प्रति केंद्र के रवैये के खिलाफ 10 जनवरी को पूरे देश में बीजेपी सरकार के पुतले फूंके जाएंगे. उन्होंने कहा, "डल्लेवाल देश के किसानों के भविष्य को बचाने के लिए लड़ रहे हैं." उन्होंने कहा कि 13 जनवरी को 'कृषि मार्केटिंग नीति' की मसौदा कॉपी जलाई जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि 26 जनवरी को देशभर में किसानों के ट्रैक्टर सड़कों पर होंगे.

एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त पैनल ने डल्लेवाल से मुलाकात की और उनसे मेडिकल मदद लेने का आग्रह किया. उन्होंने अब तक सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद भी पंजाब सरकार की मेडिकल सहायता लेने से इनकार कर दिया है.

 

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