
हरियाणा राज्य में धान की खरीद प्रक्रिया में एक बार फिर से बड़ा घोटाला सामने आया है. पूर्व मुख्यमंत्री तथा विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि यह घोटाला केवल एक-जिले तक सीमित नहीं बल्कि पूरे राज्य में फैल गया है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया है कि बड़े दलालों व प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कार्रवाई न कर “छोटों” को निशाना बनाया जा रहा है.
हुड्डा के मुताबिक, जिले के करनाल उपार्जन केन्द्रों में “कई करोड़ रुपये का” धान खरीद घोटाला पकड़ा गया है, लेकिन सरकार ने इसकी बजाय बड़ी हस्तियों के बजाय छोटे कर्मचारियों को ही निशाना बनाया. उन्होंने कहा: “सच यह है कि यह घोटाला सिर्फ करनाल तक सीमित नहीं- पूरे हरियाणा में सौ-सौ करोड़ रुपये के घोटाले हो रहे हैं.” किसानों को समर्थन मूल्य (MSP) के मुकाबले ₹500-800 प्रति क्विंटल कम भुगतान होने का भी आरोप है. खरीद शुरू करने में विलंब, पोर्टल व गेट-पास प्रक्रिया में जटिलताएं, पंजीकरण की गड़बड़ियां- ये भी शिकायतें हैं.
हुड्डा ने कहा कि यह सिर्फ धान खरीद घोटाला ही नहीं- राज्य में खनन, शराब, भर्ती तथा अन्य प्रकार के हज़ारों करोड़ रुपये के घोटालों का सिलसिला चल रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है, लगभग 60 संगठित अपराधी गिरोह सक्रिय हैं प्रदेश में. इससे निवेश नहीं हो रहा, बेरोजगारी बढ़ रही है. बेरोजगारी की मार से कई युवा विदेश गए और वापस लौट रहे हैं कर्जदार बनकर, यह बताकर हुड्डा ने सरकार की जन-नीति पर सवाल उठाए.
हरियाणा के किसानों के सामने इस समय बड़ी चुनौतियाँ खड़ी हैं: एक ओर उन्होंने अपनी मेहनत से फसल उगाई है, दूसरी ओर सरकार द्वारा निर्धारित MSP से उन्हें कम मिले भुगतान, और अब बड़े पैमाने पर धान खरीद में आरोपित घोटाले. पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के मुताबिक, यदि आज सरकार ने तुरंत ठोस कदम नहीं उठाए, तो किसानों की स्थिति और बिगड़ सकती है.
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