
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी हालिया रैली में बिहार के मगध क्षेत्र से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि “मगध, प्राचीन भारत की शान है. अब हमें मगध को और बिहार को फिर से उसका पुराना गौरव लौटाना है.” प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार को फिर से ज्ञान और विज्ञान का वैश्विक केंद्र बनाना ही उनका लक्ष्य है.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में किसानों के मुद्दों पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि बिहार में बड़ी संख्या में लोग खेती और पशुपालन से जुड़े हैं, लेकिन आजादी के बाद की सरकारों ने छोटे किसानों को कभी प्राथमिकता नहीं दी.
मोदी ने कहा, “ये मोदी है, जिसे किसी ने नहीं पूछा, मोदी उन्हें पूजता है.” उन्होंने याद दिलाया कि पहले छोटे किसानों के लिए बैंक के दरवाजे बंद रहते थे, लेकिन अब हर किसान का बैंक खाता खुला है और उसी खाते में पीएम किसान सम्मान निधि की राशि आती है.
अब तक बिहार के किसानों को करीब 30,000 करोड़ रुपये पीएम किसान योजना के तहत मिल चुके हैं. इसके साथ ही बिहार की एनडीए सरकार ने घोषणा की है कि केंद्र की 6,000 रुपये की सहायता के अतिरिक्त राज्य सरकार 3,000 रुपये और देगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की गौरवशाली परंपरा की याद दिलाते हुए कहा कि यह वही धरती है जहां से महान गणितज्ञ आर्यभट्ट जैसे विद्वान पैदा हुए. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता का अंकगणित और सामान्य ज्ञान दोनों ही लाजवाब हैं. प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “चारा घोटाले वाले सोचते हैं कि बिहार वालों को चरा जाएंगे, लेकिन बिहार की जनता उनकी सच्चाई जानती है.”
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस और आरजेडी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ये दोनों सिर्फ दो परिवारों की पार्टियां हैं- एक बिहार का सबसे भ्रष्ट परिवार और दूसरा देश का सबसे भ्रष्ट परिवार. उन्होंने कहा कि अब इन दोनों परिवारों में ही घमासान मचा हुआ है. मोदी ने तंज करते हुए कहा, “जंगलराज के युवराज को कांग्रेस के युवराज की यात्रा ने पैदल कर दिया.”
प्रधानमंत्री ने बिहार के पुराने जंगलराज की याद दिलाते हुए कहा कि उस दौर में 37,000 से ज्यादा अपहरण हुए थे और कट्टा, क्रूरता, कटुता और करप्शन ही पहचान बन गई थी. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बहुत कठिन परिश्रम से बिहार को उस अंधकार से बाहर निकाला. प्रधानमंत्री ने जनता से सवाल किया- “क्या आप जंगलराज को फिर से बिहार में लौटने देंगे?”
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें बिहार को रंगदारी के रंग और माओवादी आतंक के लाल रंग से बचाना होगा.
उन्होंने युवाओं और माताओं-बहनों से आह्वान किया कि विकसित बिहार, विकसित भारत के लिए सबको मिलकर काम करना होगा.
प्रधानमंत्री ने बिहार की सांस्कृतिक पहचान छठ पूजा का विशेष उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि कुछ लोग छठ पूजा को ‘ड्रामा’ कहते हैं, लेकिन हमारी सरकार छठी मैया और सूर्य देव की पूजा को सम्मान देती है. उन्होंने बताया कि सरकार सूर्य ऊर्जा से बिजली बनाने में जुटी है और नवादा जिले में बिहार का सबसे बड़ा तैरता हुआ बिजलीघर बनकर तैयार है.
प्रधानमंत्री मोदी की रैली ने एक स्पष्ट संदेश दिया- बिहार को फिर से ज्ञान, विज्ञान और विकास का केंद्र बनाना है.
किसानों की समृद्धि, युवाओं का सशक्तिकरण और भ्रष्टाचार-मुक्त शासन ही विकसित बिहार का रास्ता है. मगध की धरती से उठी यह पुकार अब हर बिहारवासी का संकल्प बन चुकी है.
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