हरियाणा की कई खापों के नेताओं ने सोमवार को धमकी दी कि अगर 14 फरवरी तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे आंदोलन शुरू करेंगे. खाप नेताओं ने किसानों के आंदोलन को मजबूत करने के लिए 26 जनवरी के मार्च में हिस्सा लेने की भी घोषणा की. हिसार में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए, फोगट खाप के प्रमुख सुरेश फोगट ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि केंद्र चंडीगढ़ में 14 फरवरी की बैठक के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों को मानेगा.
सुरेश फोगट ने कहा, "अगर मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो हम किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए हरियाणा में विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे. खाप हमेशा किसानों के साथ खड़ी रही हैं और प्रदर्शनकारियों की ओर से उठाई गई मांगें पंजाब के किसानों के लिए नहीं बल्कि पूरे किसान समुदाय के लिए हैं. हमने किसानों को नए सिरे से बातचीत के लिए बुलाने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया."
102 खाप पंचायतों की 11 सदस्यीय समिति के संयोजक सतीश सिंह ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेताओं से, जिन्होंने 2020-21 के किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा का समर्थन करने का आग्रह किया, जो चल रहे किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, "संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को मौजूदा किसान संगठनों द्वारा दिए गए आह्वान का समर्थन करना चाहिए और इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए. हम प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने के लिए गणतंत्र दिवस पर हरियाणा में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. सरकार को सभी फसलों पर कानूनी गारंटी देनी चाहिए."
दूसरी ओर किसान संगठनों ने बहुत पहले से गणतंत्र दिवस के दिन सरकार के खिलाफ ट्रैक्टर मार्च निकालने की घोषणा की है. इसमें कई किसान संगठन हिस्सा ले रहे हैं. सभी संगठनों ने एकजुटता के साथ आह्वान किया है कि किसानों की मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वे 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. इसमें पंजाब के किसान संगठन भी हैं जो जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन का समर्थन कर रहे हैं. इसमें किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि सरकार 26 जनवरी तक किसानों की मांगें माने, वरना 26 जनवरी को दिल्ली में बड़ा आंदोलन होगा.