हरियाणा सरकार ने किसान नेताओं से शुरू की बातचीत, सरकारी अधिकारियों के साथ SKM की बैठक

हरियाणा सरकार ने किसान नेताओं से शुरू की बातचीत, सरकारी अधिकारियों के साथ SKM की बैठक

रविवार की बैठक को अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले किसानों को शांत करने के भाजपा के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. बैठक में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विभिन्न मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिए एक और दौर की बातचीत भी हो सकती है.

हरियाणा सरकार और किसानों की बातचीत शुरू. (सांकेतिक फोटो)हरियाणा सरकार और किसानों की बातचीत शुरू. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 22, 2024,
  • Updated Jul 22, 2024, 5:31 PM IST

हरियाणा की भाजपा सरकार किसान नेताओं से फिर से बातचीत शुरू करने की कोशिश कर रही है. इसके लिए उसने रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से संपर्क किया है. कहा जा रहा है कि राज्य टॉप के अधिकारियों ने एसकेएम के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है. वे जल्द ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को एक रिपोर्ट सौंपेंगे, जिनसे किसानों की 33 सूत्री मांगों पर फैसला लेने की उम्मीद है. 

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के नेतृत्व में आधिकारिक टीम ने किसानों को उनकी लंबे समय से लंबित मांगों के जल्द ही समाधान करने का आश्वासन दिया है. एसकेएम नेता रतन मान ने बताया कि किसान सीएम से तुरंत प्रतिक्रिया का इंतजार करेंगे. ऐसा न होने पर 14 जुलाई को रोहतक में एक बैठक में उनके द्वारा अंतिम रूप दी गई आंदोलन योजना को फिर से शुरू किया जाएगा. 

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ये हैं किसानों की मांगें

रविवार की बैठक को अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले किसानों को शांत करने के भाजपा के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. बैठक में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विभिन्न मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिए एक और दौर की बातचीत भी हो सकती है. एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसानों की प्रमुख मांगों में खरीदी गई फसलों का समय पर भुगतान, प्राकृतिक आपदाओं के कारण क्षतिग्रस्त फसलों के लिए लंबित मुआवजे की रिहाई और कुल फसल नुकसान के मामले में मुआवजे की राशि को बढ़ाकर 40,000 रुपये प्रति एकड़ करना शामिल है.

मांगें नहीं मानने पर शुरू होगा आंदोलन 

बैठक में मान, जोगिंदर नैन, बलबीर सिंह और रणबीर मलिक समेत किसान नेताओं ने अपनी लंबित मांगों के प्रति सरकार के कथित उदासीन रवैये पर कड़ा विरोध दर्ज कराया. इस बीच, मान ने स्पष्ट किया कि वे तभी आंदोलन शुरू करेंगे जब उनकी मांगें पूरी नहीं की जाएंगी. हालांकि, उनका पंजाब के किसानों के साथ दिल्ली मार्च करने का कोई इरादा नहीं है. वहीं, हरियाणा सरकार द्वारा अदालती आदेश के बाद शंभू सीमा खोलने पर सहमति जताए जाने के बाद पंजाब के किसानों ने अपना “दिल्ली चलो” आंदोलन फिर से शुरू करने का फैसला किया है.

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5 सीटों पर ही जीत मिली

बता दें कि इस लोकसभा चुनाव में भाजपा राज्य की 10 सीटों में से केवल पांच पर ही जीत हासिल कर पाई, जबकि 2019 के चुनावों में उसने सभी 10 सीटें जीती थीं. भाजपा का वोट प्रतिशत 2019 में 58.21 फीसदी था, जो 2024 में गिरकर 46.11 प्रतिशत हो गया. जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत  28.51 फीसदी से बढ़कर 43.67 फीसदी हो गया. 

 

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