पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 56 दिनों से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत की देखरेख के लिए सरकारी डॉक्टरों ने ड्यूटी करने से इनकार कर दिया है. इसको लेकर डॉक्टरों ने मेडिकल सुप्रिटेंडेंट को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में चिकित्सकों ने कहा है कि हम वरिष्ठ और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स को किसानों और मीडिया कर्मियों से लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. मामले पर राजिंद्रा हॉस्पिटल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट गिरीश साहनी ने कहा कि गलतफहमी हो गई थी, जिसे सुलझा लिया गया है. डॉक्टर अपनी ड्यूटी का पालन करना जारी रखेंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में किसान एमएसपी गारंटी कानून समेत कई अन्य मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा की खनौरी और शंभू सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं. खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर हैं और आज 22 फरवरी को उनके अनशन का 57वां दिन है. उनकी सेहत की देखरेख के लिए सरकारी चिकित्सकों की टीम तैनात की गई है. चिकित्सकों ने मेडिकल सुप्रिटेंडेंट को पत्र लिखकर डल्लेवाल के लिए ड्यूटी देने से इनकार किया है.
खनौरी के सरकारी डॉक्टरों ने किसान नेता डल्लेवाल के लिए ड्यूटी देने से इनकार करते हुए मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को पत्र लिखा है. इसमें चिकत्सकों ने कहा कि हम वरिष्ठ और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स को किसानों और मीडिया कर्मियों से लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. डल्लेवाल और उनके समर्थकों द्वारा कई बार मौखिक दुर्व्यवहार किया गया है. चिट्ठी में चिकित्सकों ने कहा है कि हम अब खनौरी बॉर्डर पर ड्यूटी जारी नहीं रखेंगे. चिट्ठी पर डॉक्टरों ने हस्ताक्षर भी किए हैं.
3 दिन पहले सोमवार को केंद्र सरकार ने आंदोलन कर रहे किसानों को चंडीगढ़ में 14 फरवरी को वार्ता के लिए आमंत्रित किया है. इसके बाद किसान नेता डल्लेवाल की चिकित्सा सहायता के लिए पटियाला के सरकारी राजिंद्रा हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम खनौरी बॉर्डर पर तैनात की गई है.
डॉक्टरों के ड्यूटी से इनकार करने संबंधी चिट्ठी मामले पर राजिन्द्रा अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट गिरीश साहनी ने कहा कि गलतफहमी पैदा हो गई थी, अब इसे सुलझा लिया गया है. यह एकमात्र टीम थी, जिसे वहां तैनात किया गया था और वे अपनी ड्यूटी का पालन करना जारी रखेंगे.
किसान नेता काका सिंह ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की जो टीम तैनात की गई है उसमें शामिल ट्रेनी डॉक्टर ठीक से ड्रिप भी नहीं लगा सका, जिस कारण जगजीत सिंह डल्लेवाल के दोनों हाथों से खून बहने लगा. इसके बाद प्राइवेट डॉक्टरों ने उनका इलाज किया.