
केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को राजस्थान के नागौर जिले के मेड़ता सिटी में आयोजित वृहद किसान सम्मेलन में शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने किसानों, मजदूरों और ग्रामीण परिवारों के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं और नई ग्रामीण विकास नीति का विस्तार से उल्लेख किया. सम्मेलन में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, राज्य के कई मंत्री, सांसद, विधायक और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे. उन्होंने कहा कि सरकार अगले संसद सत्र में नया बीज कानून पेश करेगी, जिससे किसानों को फायदा होगा.
अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राजस्थान ने बीते दो वर्षों में विकास की दिशा में एक नया अध्याय लिखा है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत राज्य की 12,600 सड़कों के निर्माण के लिए 2,089 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मंजूर की गई है, जिससे गांवों की कनेक्टिविटी मजबूत होगी और किसानों को बाजार तक पहुंचने में सुविधा मिलेगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से एक आत्मनिर्भर, सशक्त और समृद्ध राष्ट्र की ओर बढ़ रहा है.
कृषि क्षेत्र की उपलब्धियों पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान में जलवायु-अनुकूल और उच्च उपज वाली किस्मों को बढ़ावा देने से किसानों की आय में सुधार हुआ है और उत्पादन लागत घटी है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे 6,000 रुपये के अलावा राज्य सरकार की ओर से 3,000 रुपये अतिरिक्त सहायता दी जा रही है, जिससे किसानों को खेती के खर्च में राहत मिली है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का जिक्र करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पिछले दो वर्षों में राजस्थान को 29,000 करोड़ रुपये से अधिक की बीमा राहत मिली है. अब योजना में यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर बीमा क्लेम में देरी होती है तो बीमा कंपनियों को किसानों को 12 प्रतिशत ब्याज देना होगा. उन्होंने कहा कि यह सरकार की किसानों के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
एमएसपी को लेकर केंद्रीय मंत्री ने साफ कहा कि सरकार किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने में कोई कमी नहीं छोड़ेगी. उन्होंने बताया कि इस वर्ष राजस्थान से 3.05 लाख मीट्रिक टन मूंग की खरीद के लिए ₹2,680 करोड़ की मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही 5.54 लाख मीट्रिक टन मूंगफली और 2.65 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की खरीद भी जारी है. उन्होंने कहा कि एमएसपी पर खरीद सरकार की प्राथमिकता है और इसमें कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
शिवराज सिंह चौहान ने नई ग्रामीण रोजगार योजना “विकसित भारत-जी राम जी” को को लेकर कहा कि यह योजना भारत के गांवों का कायाकल्प करने जा रही है. इस योजना के तहत रोजगार के दिनों को 100 से बढ़ाकर 125 किया गया है. यूपीए सरकार के समय जहां मनरेगा पर सालाना करीब 40,000 करोड़ रुपये खर्च होते थे, वहीं वर्तमान सरकार के कार्यकाल में यह खर्च 1,11,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष तक पहुंचा है. इस वर्ष के लिए इसका बजट 1,51,282 करोड़ रुपये रखा गया है.
उन्होंने बताया कि इस योजना में ग्राम पंचायतों को विकास की रूपरेखा तय करने की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. अगले पांच वर्षों में “विकसित भारत-जी राम जी” योजना के तहत 7.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है. जल संरक्षण, समय पर मजदूरी भुगतान, मजदूरों की सुरक्षा और पंचायत स्तर पर प्रशासनिक मजबूती को इसमें प्राथमिकता दी गई है. मजदूरों को समय पर भुगतान न होने की स्थिति में ब्याज देने का प्रावधान भी किया गया है.
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने डीबीटी के माध्यम से बड़ी सहायता राशि का हस्तांतरण किया. 35,800 किसानों को 187 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी गई. 5 लाख किसानों को 617 करोड़ रुपये की कृषि इनपुट सब्सिडी और 5 लाख दूध उत्पादकों को 151 करोड़ रुपये की सहायता उनके खातों में भेजी गई. प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 18,500 लाभार्थियों को 100 करोड़ रुपये की सहायता दी गई, जिससे ग्रामीण परिवारों को पक्का घर और बुनियादी सुविधाएं मिल सकें.
अंत में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार संसद के अगले सत्र (बजट सत्र) में बीज अधिनियम और नकली खाद और उर्वरक पर रोक लगाने से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयक लाने जा रही है. उन्होंने कहा कि किसानों को ठगने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने दोहराया कि सरकार का संकल्प एक विकसित, मजबूत और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है, जिसमें गांव और किसान केंद्र में होंगे.