आंदोलन को लेकर किसान संगठनों की एकजुटता बढ़ी, पटियाला में जुटे कई दलों के नेता, जल्द होगा बड़ा ऐलान

आंदोलन को लेकर किसान संगठनों की एकजुटता बढ़ी, पटियाला में जुटे कई दलों के नेता, जल्द होगा बड़ा ऐलान

संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के नेता जगजीत सिंह ढल्लेवाल के आमरण अनशन का आज 26वां दिन है. चिकित्सकों ने उनकी हालत काफी नाजुक बताई है. अब तक आंदोलन से अलग-थलग रही अन्य किसान यूनियनों ने साथ आने की बात कही है. इसको लेकर आज पटियाला में हुई बैठक में नतीजे सार्थक रहे हैं. कहा जा रहा है कि जल्द ही आंदोलन को लेकर बड़ा ऐलान हो सकता है.

पटियाला में हुई बैठक में कई किसान यूनियन के नेता मौजूद रहे.पटियाला में हुई बैठक में कई किसान यूनियन के नेता मौजूद रहे.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 21, 2024,
  • Updated Dec 21, 2024, 5:12 PM IST

संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में 13 फरवरी 2024 से चल रहा किसान आंदोलन अब सख्त रुख लेता जा रहा है. एसकेम गैर राजनीति के नेता जगजीत सिंह ढल्लेवाल के आमरण अनशन ने किसान संगठनों से फिर से एकजुट कर दिया है. अभी तक आंदोलन से अलग-थलग रहे किसान संगठनों ने भी साथ आने की सहमति दी है और इस सिलसिले में आज 21 दिसंबर को पंजाब के पटियाला में बड़ी बैठक हुई है. जगजीत सिंह ढल्लेवाल की नाजुक हालत के बाद भी सरकार की ओर से किसान नेताओं से बातचीत नहीं किए जाने से किसान संगठन नाराज हैं. 

किसान दलों की बैठक सार्थक रही  

किसान आंदोलन 2 के चल रहे मोर्चे के किसान नेता सरवन सिंह पंडेर, जसविंदर सिंह लोंगोवाल, मनजीत सिंह राय, बलदेव सिंह जीरा, तेजवीर सिंह पंजोखरा साहिब, सतवंत सिंह, SKM के डेपुटेशन दर्शन पाल, जोगिंदर उग्रराहां,बलवीर सिंह राजेवाल, KP, रमिंदर पटियाला, रत्न मान से आज गुरुद्वारा दुखनिवारण साहिब पटियाला में मीटिंग हुई. बताया गया कि आज की मीटिंग बहुत ही सार्थक रहीं है. आंदोलन पर आगे की रणनीति का खुलासा जल्द किया जाएगा.

संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के नेता जगजीत सिंह ढल्लेवाल के आमरण अनशन का आज 26वां दिन है. चिकित्सकों ने उनकी हालत काफी नाजुक बताई है. उनकी किडनी कभी भी खराब होने की आशंका जताई गई है. बीते सप्ताह भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत समेत दूसरे किसान संगठनों के कुछ नेता जगजीत सिंह ढल्लेवाल से मिलने और उनका हालचाल लेने गए थे. 

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह ढल्लेवाल के आह्वान पर 101 किसानों का पहला जत्था 2 दिसबंर को दिल्ली के लिए निकला था, जिसे शंभू बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन की ओर रोक दिया गया. इसके बाद 6 दिसंबर और 14 दिसंबर को फिर से किसान नेताओं ने दिल्ली जाने के लिए निकले, लेकिन पुलिस के आंसू गैस, पानी की बौछार और रबर बुलेट दागने की कार्रवाई में कई किसान घायल हुए, जिसके बाद किसान नेताओं ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर लौट गए और अगले फैसले तक वहीं डंटे रहने और आंदोलन करने का ऐलान किया. 

इस बीच जगजीत सिंह ढल्लेवाल की बिगड़ती तबियत और प्रशासन की किसानों पर कार्रवाई के बाद भी केंद्र सरकार की ओर से बातचीत का प्रस्ताव या रुख नहीं मिलने पर दोनों किसान संगठनों से अब तक अलग रहे दूसरे किसान संगठनों ने साथ आने की सहमित दी है. एसकेएम-केएमएम संगठनों के समन्वयक सरवन सिंह पंधेर ने किसान आंदोलन 2.0 को तेज करने के लिए सभी किसान यूनियनों से समर्थन मांगा था. इसके बाद आज शनिवार को कई किसान यूनियनों के प्रतिनिधि पटियाला में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेताओं से मिलेंगे. 

बैठक में ये किसान नेता शामिल रहे

देशभर के किसान संगठनों के संयुक्त संगठन एसकेएम-भारत (अखिल भारतीय) की छह सदस्यीय समिति आज शनिवार को सुबह 11 बजे गुरुद्वारा दुखनिवारन साहिब में बैठक कर रही है. बैठक में बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल, जोगिंदर सिंह उग्राहां, रमिंदर पटियाला, युद्धवीर सिंह और हन्नान मोल्लाह शामिल हैं. सूत्रों ने कहा कि इस बैठक के सकारात्मक परिणाम आंदोलन को नए सिरे से गति देंगे.

किसान संगठनों के मतभेद खत्म होने की उम्मीद

सूत्रों ने बताया कि दोनों गुटों में एक-दूसरे के प्रति मतभेद हैं. जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर के नेतृत्व वाले गुट का मानना ​​है कि किसान नेताओं को 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ने से बचना चाहिए था. दूसरी ओर एसकेएम-भारत ने 26 जनवरी 2021 को हुई हिंसा को लेकर निराशा जताई है. बीकेयू (एकता-उग्राहां) प्रमुख जोगिंदर सिंह उग्राहां सहित कुछ किसान नेताओं ने पहले पंधेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल से असहमति जताई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि दोनों मंच खराब योजना के साथ आगे बढ़ रहे थे. उन्होंने दिल्ली चलो विरोध को अनुचित बताया था. हालांकि, आज की बैठक में यह मतभेद मिटने की बात कही जा रही है. साथ ही आंदोलन को लेकर रणनीतिक फैसले भी लिए जाने की चर्चाएं हैं. 

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