किसानों के मुद्दों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा कल 15 अगस्त को पंजाब में वाघा बॉर्डर से देशव्यापी ट्रैक्टर मार्च निकालेगा. सभी फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून की मांग और नए आपराधिक कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत दूसरे राज्यों में भी विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा. इस दौरान किसान आपराधिक कानून की प्रतियां भी जलाएंगे. पंजाब के अमृतसर से किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ट्रैक्टर मार्च की अगुवाई करेंगे. बता दें कि इससे पहले 1 अगस्त को देशव्यापी पुतला दहन और विरोध प्रदर्शन किया गया था.
सभी फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून समेत कई अन्य मांगों को लेकर 13 फरवरी 2024 से आंदोलित किसान 15 अगस्त यानी कल गुरुवार को देशभर में ट्रैक्टर मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने 'किसान तक' को बताया कि कल का देशव्यापी ट्रैक्टर लॉन्ग मार्च होगा और जो नए आपराधिक कानून सरकार लेकर आई है उनकी प्रतियां जलाई जाएंगी.
किसान नेता ने सरवन सिंह पंढेर कहा कि ट्रैक्टर मार्च की तैयारियों के लिए बुधवार को वह पंजाब के अमृतसर के गोल्डन गेट पर पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि गुरुवार को वाघा बॉर्डर से ट्रैक्टर मार्च की शुरुआत की जाएगी और गोल्डन गेट पर प्रतिया जलाई जाएंगी. इसके अलावा देशभर में संगठन से जुड़े किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और प्रतियां जलाएंगे. किसान नेता देशभर के किसानों और बुज़ुर्गों से आह्वान किया है कि अधिक से अधिक संख्या में ट्रैक्टर मार्च में शामिल हों.
उन्होंने कहा कि पंजाब के अमृतसर जिले के साथ ही पूरे पंजाब राज्य में ट्रैक्टर मार्च के साथ विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम होगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ ही पूरे देश में हमारा कल 15 अगस्त को विरोध प्रदर्शन होगा. उन्होंने कहा कि MSP लीगल गारंटी कानून, किसान मजदूर कर्ज माफी, नए आपराधिक कानून और अन्य सभी मांगों को पूरा कराने के लिए कार्यक्रम होंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने इससे पहले 1 अगस्त को पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों में उग्र प्रदर्शन किया था. किसानों ने लुधियाना, अमृतसर समेत पंजाब और हरियाणा के जिला मुख्यालयों में केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार के खिलाफ पुतला दहन किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान शहरों में कई किलोमीटर का पैदल मार्च निकाला था. पुतला दहन और विरोध प्रदर्शन में महिला किसान भी शामिल हुई थीं.