कोटा में भामाशाह मंडी गेट पर गुरुवार सुबह किसानों ने हंगामा कर दिया. किसानों ने मंडी के एक तरफ के गेट पर ताला लगाकर बीजेपी देहात के पूर्व अध्यक्ष मुकुट नागर के नेतृत्व में गेट पर धरना दिया. आरोप लगाया कि समय पर ट्रॉली लाने के बावजूद मंडी में प्रवेश नहीं करने देते हैं. यार्डों में कृषि उपज के ढेर लगे हैं. उठान नहीं हो रहा है और किसानों को मंडी गेट पर लंबा इंतजार करना पड़ता है. किसान नेता मुकुट नागर ने बताया कि 9 अप्रैल की रात लगभग 11 बजे किसान मंडी के बाहर आ चुके थे. लेकिन जिंस (कृषि उपज) भरी ट्रॉलियां अंदर नहीं ली जा सकी.
उन्होंने कहा कि आगे कहा कि 10 अप्रैल को अवकाश होने से मंडी बंद थी. मंडी में किसान कलेवा योजना (सस्ती दर पर भोजन) का टोकन तक नहीं मिलता, इस कारण किसान खाने की व्यवस्था के लिए भटकते हैं. मंडी में एफसीआई भी समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद कर रहा है, लेकिन उठाव प्रक्रिया धीमी है.
कृषि उपज मंडी समिति के पूर्व उपाध्यक्ष देवा भड़क ने गुरुवार को मंडी के गेट के सामने पहुंच किसानों की समस्याएं सुनी और मंडी के उच्च अधिकारियों से चर्चा की. किसानों ने उन्हें बताया कि दो तीन दिन खड़ा करने के बाद गेट पास देते हैं और हम पूछताछ करते हैं तो मंडी प्रशासन के नियुक्त कर्मचारी और अधिकारी धक्का-मुक्की और गाली-गलौच पर उतारू हो जाते हैं.
देवा भड़क ने किसानों की पीड़ा सुनने के बाद मंडी प्रशासन के कर्मचारियों और अधिकारियों को मौके बुलाकर किसानों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के बारे में बताया, जिस पर मंडी प्रशासन में नियुक्त कर्मचारियों को जल्द समस्या समाधान के लिए कहा. देवा ने कहा कि किसानों को परेशान करना बंद नहीं किया गया तो हाड़ौती के किसान उग्र प्रदर्शन करेंगे.
किसानों ने कृषि उपज मंडी समिति सचिव मनोज कुमार मीणा से मोबाइल पर बात कर मौके पर बुलवाया. सचिव ने बनवारी सुमन सहित दो सुपरवाइजरों को मौके पर भेजा. कृषि उपज मंडी के सचिव मनोज कुमार मीणा ने बताया कि रात 11 बजे के बाद भामाशाह मंडी गेट खोलने का समय निर्धारित कर रखा है. 10 अप्रैल को महावीर जयंती का अवकाश था. रात 11 बजे बाद प्रवेश देंगे, तब तक मंडी यार्ड में पड़ा जिंस भी उठ जाएगा. ट्रॉलियां व ट्रक मंडी परिसर में पहुंच सकेंगे.