किसान मार्च को लेकर सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद दिल्ली कूच पर किसान अड़े हैं. किसान नेताओं ने कहा है कि हरियाणा के गांवों में अर्धसैनिक बल तैनात हैं. किसान नेताओं ने सरकार से कहा है कि आप हमें मार सकते हैं लेकिन कृपया किसानों पर अत्याचार न करें. हमने कौन सा अपराध किया है?. हमने आपको प्रधानमंत्री बनाया है. हमने कभी नहीं सोचा था कि ताकतें हम पर इस तरह जुल्म करेंगी.
किसान नेताओं और सरकार के बीच 4 बार मांगों पर बातचीत हो चुकी है. पिछली बार 18 फरवरी की शाम को हुई बैठक में सरकार ने 5 फसलों पर 5 साल के लिए एमएसपी खरीद का प्रस्ताव दिया था. सरकार के प्रस्ताव को किसान संगठनों ने खारिज कर दिया और किसानों की मांगों को नकारने वाला बताया. किसान संगठनों ने 21 मार्च को दिल्ली मार्च की घोषणा की है, जिसके चलते पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी सीमा पर किसान डटे हुए हैं. किसानों को रोकने के लिए भारी सुरक्षाबल तैनात किया गया है.
आज 'दिल्ली चलो' मार्च पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमने तय किया है कि कोई भी किसान, युवा आगे नहीं जाएगा. सिर्फ नेता शांतिपूर्ण तरीके से आगे जाएंगे. हम सरकार से आज भी मांग करेंगे कि दिल्ली से बड़ा फैसला करें. आप कहें कि MSP पर गारंटी कानून बनाएंगे, ये आंदोलन अभी खत्म हो सकता है. उन्होंने कहा कि हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है. हम बैठकों में शामिल हुए, हर बिंदु पर चर्चा हुई और अब फैसला केंद्र सरकार को लेना है. हम शांत रहेंगे. प्रधानमंत्री को आगे आना चाहिए और हमारी मांगों को स्वीकार करना चाहिए. 1.5-2 लाख करोड़ रुपये ज्यादा बड़ी रकम नहीं है. इन बाधाओं को हटाकर हमें दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने एएनआई से कहा कि हमने सरकार से कहा है कि आप हमें मार सकते हैं लेकिन कृपया किसानों पर अत्याचार न करें. हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वह आगे आएं और किसानों के लिए MSP गारंटी पर कानून की घोषणा करके इस विरोध को समाप्त करें. ऐसी सरकार को देश माफ नहीं करेगा. हरियाणा के गांवों में अर्धसैनिक बल तैनात हैं. हमने कौन सा अपराध किया है?. हमने आपको प्रधानमंत्री बनाया है. हमने कभी नहीं सोचा था कि ताकतें हम पर इस तरह जुल्म करेंगी. कृपया संविधान की रक्षा करें और हमें शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर जाने दें, ये हमारा अधिकार है.
शंभू बॉर्डर पर मौजूद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हमारा इरादा किसी तरह की अराजकता पैदा करने का नहीं है. हमने बीते 7 नवंबर से दिल्ली जाने का कार्यक्रम बनाया है. अगर सरकार कहती है कि उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिला तो इसका मतलब है कि सरकार हमें नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही है. ये ठीक नहीं है कि हमें रोकने के लिए इतने बड़े-बड़े बैरिकेड लगाए गए हैं. हम शांति से दिल्ली जाना चाहते हैं, सरकार बैरिकेड हटाकर हमें अंदर आने दे. नहीं तो हमारी मांगें मान लें. हम शांत हैं. अगर वे एक हाथ बढ़ाएंगे तो हम भी सहयोग करेंगे. हमें धैर्य के साथ स्थिति को संभालना होगा. मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे नियंत्रण न खोएं.
किसानों के प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने दिल्ली में कहा कि मैं किसान संगठनों से अपील करूंगा कि इसे हमें संवाद से समाधान की तरफ ले जाना है. इसमें शांति और वार्ता लगातार जारी रखते हुए हमें आगे बढ़ना चाहिए. देश के लोग और हम सभी शांति चाहते हैं. हम सब मिलकर समाधान निकाले और ऐसे विषयों पर हम गंभीरता से विचार करे. हमारी कुछ प्रस्ताव पर बातचीत हुई, लेकिन उस प्रस्ताव से वे लोग सहमत नहीं हुए. हमारी ये बातचीत और वार्ता जारी रहनी चाहिए. हम अच्छा करना चाहते हैं, इसलिए इसका एक मात्र सुझाव संवाद का है मैं सभी से अपील करूंगा कि वो संयम बनाए रखें, वार्ता जारी रखें और समाधान निकालें.