29 नवंबर को चौथे दिन भी किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सुखजीत सिंह हरदोझंडे का आमरण अनशन जारी है. आज दोपहर 3 बजे पंजाब प्रशासन के साथ संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेताओं की बैठक हुई जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि वे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को रिहा कर रहे हैं. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल से लेने के लिए दोनों मोर्चों के नेता लुधियाना रवाना हो चुके हैं.
हिरासत से रिहा होने के बाद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल सीधे खनौरी बॉर्डर पहुंचेंगे और किसानों को संबोधित करेंगे. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन खनौरी बॉर्डर पर जारी रहेगा.
डल्लेवाल को हिरासत में लिए जाने का विरोध किसान संगठन करते रहे हैं. हालांकि पुलिस ने कहा कि उनकी उम्र को देखते हुए उन्हें चेकअप आदि के लिए अस्पताल में रखा गया है. पुलिस की इस बात पर किसानों का विरोध जारी है.
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अभी हाल में किसान नेता जोगिंदर उग्राहां ने कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस ने जगजीत सिंह दल्लेवाल के टेंट का दरवाजा तोड़कर उन्हें हिरासत में ले लिया. उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन करना हर किसी का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन सरकार और पुलिस द्वारा इस तरह की कार्रवाई बहुत गलत है.
इससे पहले गुरुवार को खनौरी बॉर्डर पर पुलिस और किसानों के बीच वार्ता चली थी जो बेनतीजा रही. किसानों ने डल्लेवाल की रिहाई की मांग की जिस पर पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे सीनियर से बात करके इस बारे में फैसला लेंगे.
हालांकि शुक्रवार को डल्लेवाल को रिहा करने का फैसला आ गया. गुरुवार को किसान संगठनों और पंजाब पुलिस के बीच एक घंटे बैठक चली थी. एक निजी होटल में यह बैठक हुई थी. बैठक के दौरान किसानों ने होटल को चारों ओर से घेर रखा था.
खनौरी बॉर्डर पर धरना स्थल से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को जबरन हटाए जाने से नाराज प्रदर्शनकारी किसानों ने गुरुवार को 1 दिसंबर को संगरूर में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास का घेराव करने की घोषणा की.
डल्लेवाल मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के खिलाफ अपने हमले को तेज करते हुए उन्होंने पार्टी को बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र की "बी टीम" कहा और उस पर "पीठ में छुरा घोंपने" का भी आरोप लगाया. 26 नवंबर को आमरण अनशन पर बैठने वाले डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर से जबरन हटा दिया गया और उन्हें लुधियाना के एक अस्पताल में ले जाया गया.
इस बीच, लुधियाना अस्पताल में तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा डल्लेवाल से मिलने की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद करीब चार किसानों ने अस्पताल के बाहर धरना दिया. प्रदर्शनकारी किसान इस बात से नाराज थे कि पंजाब पुलिस ने डल्लेवाल को आमरण अनशन शुरू करने से कुछ घंटे पहले ही धरना स्थल से उठा लिया.
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डल्लेवाल (70) को मंगलवार को कथित तौर पर जबरन धरना स्थल से हटाए जाने के बाद मेडिकल जांच के लिए लुधियाना के दयानंद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (डीएमसीएच) ले जाया गया. पुलिस ने कहा था कि प्रशासन डल्लेवाल के आमरण अनशन के मद्देनजर उनकी उम्र और स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है.
गुरुवार को खनौरी बॉर्डर पर मीडिया को संबोधित करते हुए किसान नेता काका सिंह कोटडा ने कहा कि डल्लेवाल मामले में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए 1 दिसंबर को संगरूर में मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करने का फैसला किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार ने डल्लेवाल को अस्पताल में बंधक बना लिया है और उन्हें रिहा करने की मांग की.