किसान आंदोलन के बीच पीएम मोदी ने एमएसपी पर रखी बात, कहा- किसानों को पहले से कई गुना ज्यादा MSP मिल रही 

किसान आंदोलन के बीच पीएम मोदी ने एमएसपी पर रखी बात, कहा- किसानों को पहले से कई गुना ज्यादा MSP मिल रही 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमएसपी पर कहा कि किसानों को आज पहले की तुलना में कई गुना बढ़ी हुई MSP दी जा रही है. उन्होंने कहा कि ये भाजपा की सरकार है जिसने गन्ना किसानों का हजारों करोड़ का बकाया खत्म कराया है. बता दें कि फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून को लेकर किसान करीब 27 दिन से आंदोलन कर रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा किसानों को पहले से कई गुना ज्यादा MSP मिल रही. पीएम मोदी ने कहा किसानों को पहले से कई गुना ज्यादा MSP मिल रही.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 10, 2024,
  • Updated Mar 10, 2024, 1:37 PM IST

फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून समेत कई मांगों को लेकर किसान करीब 27 दिन से आंदोलन कर रहे हैं और आज किसानों ने देशव्यापी स्तर पर ट्रेनों के चक्का जाम का ऐलान भी किया है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमएसपी पर कहा कि किसानों को आज पहले की तुलना में कई गुना बढ़ी हुई MSP दी जा रही है. गन्ना किसानों के लिए भी इस साल लाभकारी मूल्य में 8 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है. उन्होंने कहा कि ये भाजपा की सरकार है जिसने गन्ना किसानों का हजारों करोड़ का बकाया खत्म कराया है. 

पहले की तुलना में कई गुना अधिक एमएसपी मिल रही  

एएनआई के अनुसार उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों को आज पहले की तुलना में कई गुना बढ़ी हुई MSP दी जा रही है. गन्ना किसानों के लिए भी इस साल लाभकारी मूल्य में 8% की वृद्धि की गई है. अब गन्ने का लाभकारी मूल्य 315 रुपये से बढ़कर 340 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. 

आज किसानों को सही समय पर गन्ने का मूल्य मिल रहा 

पीएम मोदी ने कहा कि आप लोगों को याद है ना कि कैसे इसी उत्तर प्रदेश में सरकार चलाने वालों ने गन्ना किसानों को रुलाया था. उनका पैसा ही तरसा-तरसा कर दिया जाता था या मिलता ही नहीं था. ये भाजपा की सरकार है जिसने गन्ना किसानों का हजारों करोड़ का बकाया खत्म कराया है. आज गन्ना किसानों को सही समय पर गन्ने का मूल्य मिल रहा है.

न्यूनतम समर्थन मूल्य दर MSP Rate क्या है 

न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP एक तरह से फसल बिक्री के लिए गारंटी कीमत है. एमएसपी के जरिए फसल बुवाई के वक्त कई मानकों के आधार पर तय किया जाता है कि कटाई के बाद फसल किस कीमत पर बाजार में बिकेगी. एमएसपी यह पक्का करती है कि किसान को उसकी फसल का दाम तय कीमत से कम नहीं मिलेगा, चाहे बाजार में फसल का भाव गिर गया हो. एमएसपी का उद्देश्य किसान को बाजार में फसल की कीमत के उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके. 

किन फसलों पर लागू है एमएसपी 

कृषि मंत्रालय खरीफ, रबी सीजन समेत अन्य सीजन की फसलों के साथ ही कमर्शियल फसलों पर एमएसपी लागू करता है. वर्तमान में देश के किसानों से खरीदी जाने वाली करीब 23 फसलों पर एमएसपी लागू की गई है. गेहूं, धान, चना, मूंगफली, बाजरा, ज्वार, मक्का, सोयाबीन, मूंग, मसूर, तिल और कपास जैसी फसलों पर एमएसपी लागू है. बता दें कि रबी मार्केट‍िंग सीजन 2024-25 के लिए गेहूं का एमएसपी दाम 2275 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तय किया गया है और सरसों का दाम 5650 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तय किया गया है.

किसान एमएसपी गांरटी कानून बनाने की मांग पर अड़े  

13 फरवरी से आंदोलन कर रहे किसानों की प्रमुख मांग सभी फसलों पर एमएसपी की गारंटी देने के लिए कानून बनाने की है. बीती 18 फरवरी को किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की वार्ता के दौरान, तीन केंद्रीय मंत्रियों के एक पैनल ने प्रस्ताव दिया था कि सरकारी एजेंसियां किसानों के साथ समझौता करने के बाद पांच साल तक एमएसपी पर दालें, मक्का और कपास खरीदेंगी. लेकिन, किसानों ने इस प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया है. किसान स्वामीनाथन आयोग द्वारा अनुशंसित "सी2 प्लस 50 प्रतिशत" फॉर्मूले के तहत सभी फसलों पर एमएसपी की मांग पर अड़े हैं. 

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