Farmers Protest: इन मांगों पर अड़े किसान संगठन, SKM ने 23 मार्च को आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी

Farmers Protest: इन मांगों पर अड़े किसान संगठन, SKM ने 23 मार्च को आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी

13 फरवरी से जारी किसान विरोध प्रदर्शन कहां और कब खत्‍म होगा, किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं है. इस बीच संयुक्‍त किसान मोर्चा की तरफ से सरकार के खिलाफ अपनी मांगों पर आधारित एक रेजोल्‍यूशन यानी संकल्‍प पत्र जारी किया गया है. यह रेजोल्‍यूशन 14 मार्च को नई दिल्‍ली के रामलीला मैदान में हुई किसान महापंचायत के बाद जारी किया गया है.

लोकसभा चुनावों में जारी रहेगा प्रदर्शन  लोकसभा चुनावों में जारी रहेगा प्रदर्शन
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Mar 15, 2024,
  • Updated Mar 15, 2024, 5:26 PM IST

13 फरवरी से जारी किसान विरोध प्रदर्शन कहां और कब खत्‍म होगा, किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं है. इस बीच संयुक्‍त किसान मोर्चा की तरफ से सरकार के खिलाफ अपनी मांगों पर आधारित एक रेजोल्‍यूशन यानी संकल्‍प पत्र जारी किया गया है. यह रेजोल्‍यूशन 14 मार्च को नई दिल्‍ली के रामलीला मैदान में हुई किसान महापंचायत के बाद जारी किया गया है. इसमें केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन को तेज करने की मांग की गई है. साथ ही लोकसभा चुनावों के दौरान भी प्रदर्शन को जारी रखने की बात कही गई है. 

जन प्रतिरोध बढ़ाने की अपील 

संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से इस संकल्‍प पत्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विरोध में देशव्यापी जन प्रतिरोध बढ़ाने की मांग को सबसे ऊपर रखा गया है. साथ ही सभी फसलों की सी-2+50 फीसदी एमएसपी पर गारंटी को लेकर दिसंबर 2021 के समझौते को लागू करने, किसानों के लिए व्यापक ऋण माफी योजना, बिजली क्षेत्र का तेजी से निजीकरण का विरोध और लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को बचाने का विरोध करने की मांग की गई है. 

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किसान की मौत की हो जांच 

इसके अलावा किसान शुभकरण सिंह की मौत को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से  इस्‍तीफा भी मांगा गया है. संगठन ने मांग की है कि गृह मंत्री के इस्‍तीफे के अलावा शुभकरण की मौत की न्यायिक जांच हो. साथ ही साथ आईपीसी की धारा 302 के तहत अमित शाह, हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और अनिल विज के खिलाफ एफआईआर की मांग भी की गई है. संयुक्‍त किसान मोर्चा ने इस प्रदर्शन को एक संयुक्‍त आंदोलन में बदलने की अपील की है. इसके अलावा 23 मार्च को देश के सभी गांवों में 'लोकतंत्र बचाओ' दिवस मनाने का संकल्‍प भी किया है.  

रामलीला मैदान में हजारों किसान 

गुरुवार को हजारों किसान दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित किसान मजदूर महापंचायत में पहुंचे थे. यहां पर खेती के संबंध में केंद्र की नीतियों के खिलाफ विरोध तेज करने की रणनीति बनाई गई है. एक प्रेस रिलीज जारी कर संयुक्‍त किसान मोर्चा ने कहा है कि आगे की  जन संगठनों और वर्गीय संगठनों के साथ सलाह-मशविरा करके राज्य स्तर पर विरोध कार्रवाई की रूपरेखा तय की जाएगी. केंद्र की तरफ से तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर साल 2020 में दिल्‍ली बॉर्डर पर एक विशाल प्रदर्शन हुआ था. इसके बाद दिसंबर 2021 में केंद्र सरकार ने उन कानूनों को वापस ले लिया था. वह आंदोलन खत्‍म होने के बाद रामलीला मैदान में यह किसानों का सबसे बड़ा जमावड़ा था. 

 

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