आंदोलन पर 22 जुलाई को बड़ा ऐलान करेंगे किसान नेता, MSP समेत अन्य मांगों पर सरकार को घेरने की तैयारी

आंदोलन पर 22 जुलाई को बड़ा ऐलान करेंगे किसान नेता, MSP समेत अन्य मांगों पर सरकार को घेरने की तैयारी

किसानों की मांगों को लेकर कई किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भारतीय किसान यूनियन ने कल महापंचायत का ऐलान किया है, जबकि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने 22 जुलाई यानी कल दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मेलन करने जा रहा है. इसके अलावा कुछ किसान संगठन अन्य मांगों को लेकर लामबंद हैं.

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा का राष्ट्रीय सम्मेलन 22 जुलाई को. (सांकेतिक तस्वीर)संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा का राष्ट्रीय सम्मेलन 22 जुलाई को. (सांकेतिक तस्वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 21, 2024,
  • Updated Jul 21, 2024, 7:09 PM IST

सभी फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून लाने के साथ ही अन्य मांगों को लेकर कई किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एक ओर 13 फरवरी से पंजाब-हरियाणा की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान मजदूर संघर्ष समिति के किसान अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं तो वहीं भारतीय किसान यूनियन ने भी 9 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च की घोषणा कर दी है. जबकि, 2020-21 के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले किसान संगठन एसकेएम ने 9 अगस्त को देशभर में प्रदर्शन का ऐलान किया है. इस बीच अब संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने 22 जुलाई यानी कल दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मेलन करने जा रहा है. जबकि, भाकियू की भी यूपी में कल महापंचायत होने जा रही है. किसान संगठनों की यह मोर्चेबंदी सरकार की मुसीबत बढ़ाने वाली है.

SKM-KMM का राष्ट्रीय सम्मेलन दिल्ली में कल  

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा का राष्ट्रीय सम्मेलन कल 22 जुलाई को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित हो रहा है. सम्मेलन शाम 4 बजे तक चलेगा, जिसमें किसानों की समस्याओं और किसानों की मांगों को लेकर मंथन किया जाएगा. इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें दोनों किसान संगठनों के वरिष्ठ नेता किसान आंदोलन-2 के आगामी कार्यक्रमों की घोषणा करेंगे.

भाकियू की किसान मजदूर महापंचायत कल 

किसानों की मांगों और उनकी समस्याओं को हल नहीं किए जाने से नाराज भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने बीते दिन बुधवार को आंदोलन तेज करने की चेतावनी देते हुए ट्रैक्टर मार्च निकालने की घोषणा की है. भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि सरकारों ने किसानों के साथ धोखा किया है. भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 20 जुलाई को सहारनपुर और 22 जुलाई को अलीगढ़ जिले में किसान मजदूर महापंचायत होगी. इसके अलावा 9 अगस्त 2024 को उत्तर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा. 

संयुक्त किसान मोर्चा का 9 अगस्त को प्रदर्शन 

साल 2020-21 में 3 केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (SKM)  ने बीती 18 जुलाई को कई सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों से मुलकात कर किसानों की समस्याओं को संसद में उठाने और उन्हें हल कराने की मांग की है. एसकेएम नेताओं ने फसलों पर एमएसपी, बिजली मीटर और कर्ज माफी समेत कई दिक्कतों और मांगों को लेकर 9 अगस्त को देशभर में विरोध-प्रदर्शन की घोषणा की है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार संगठन ने कहा कि 9 अगस्त को एसकेएम अपनी मांगों को लकेर देशभर में प्रदर्शन करके कॉरपोरेट्स भारत छोड़ो दिवस मनाएगा. इसके अलावा 2020-21 में आंदोलन खत्म करने के लिए सरकार की ओर से किए गए वादों को अब तक पूरा नहीं किए जाने के विरोध में आंदोलन फिर शुरू करने की चेतावनी दी है. बता दें कि बीते दिन भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने भी 9 अगस्त को ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा की है.  

भाकियू (अराजनैतिक) का कल विरोध प्रदर्शन 

भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने गन्ना किसानों को भुगतान नहीं किए जाने को लेकर लखनऊ में 22 जुलाई को प्रदर्शन का ऐलान किया है. रिपोर्ट के अनुसार भाकियू (अराजनैतिक) के बिजनौर जिला अध्यक्ष नितिन सिरोही के हवाले से कहा गया है कि चीनी मिलों की ओर से बकाया भुगतान न किए जाने के विरोध में 22 जुलाई को लखनऊ में गन्ना आयुक्त कार्यालय का घेराव किया जाएगा. कहा गया कि उत्तर प्रदेश में लगभग 25 चीनी मिलों ने किसानों का बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया है.

इन प्रमुख मांगों को लेकर लामबंद हैं किसान 

  1. सभी फसलों के लिए सुनिश्चित खरीद के साथ C2+50 फीसदी फॉर्मूले के आधार पर कानूनी रूप से गारंटीकृत एमएसपी लागू करना.
  2. किसान संगठन बिजली क्षेत्र के निजीकरण और प्रीपेड स्मार्ट मीटर का विरोध कर रहे हैं.
  3. किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी देने की मांग.
  4. किसान आंदोलन से जुड़े सभी मुकदमों को वापस लेने की मांग.
  5. किसानों का कर्ज माफ करने की मांग.
  6. भारत को विश्व व्यापार संगठन (WTO) से बाहर लाने की मांग. 
  7. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को फिर लागू किया जाए.
  8. बुजुर्ग किसानों के लिए पेंशन की व्यवस्था की जाए.

 

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